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ओव्हरलोड गिट्टी ले जाते आधा दर्जन ट्रकों पर कार्रवाई

 बलरामपुर के राजपुर क्षेत्र में ओव्हर लोडिंग ट्रक बेधड़क चल रही है साथ ही इलाके में अवैध क्रशर प्लांट संचालित होने से सड़कों की दुर्दशा हो रही है

ओव्हरलोड गिट्टी ले जाते आधा दर्जन ट्रकों पर कार्रवाई
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बलरामपुर। बलरामपुर के राजपुर क्षेत्र में ओव्हर लोडिंग ट्रक बेधड़क चल रही है साथ ही इलाके में अवैध क्रशर प्लांट संचालित होने से सड़कों की दुर्दशा हो रही है। माईनिंग विभाग ने अवैध रूप से गिट्टी लोड संचालित आधा दर्जन ट्रकों पर कार्यवाई करते हुए कलेक्टर परिसर व राजपुर थाना व पस्ता थाना में खड़ा करवाया है, जिसके कारण ओव्हर लोडिंग चालकों पर हड़कंप मचा हुआ है।

राजपुर सहित आसपास के ईलाके में संचालित क्रशर खदानों में खपने वाले पत्थर अवैध तरीके से वन एवं राजस्व भूमि से निकाले जा रहे हैं। कभी ड्रिल मशीन के जरिए तो कभी ब्लास्ट करके पत्थरों को जमीन से निकला जाता है। बड़े पैमाने पर चल रहे कारोबार पर प्रशासन या वन विभाग का ध्यान नहीं है, यदि है भी तो करवाई के नाम पर मजदूरों पर मामला दर्ज कर लिया जाता है। खदानों से उड़ने उड़ने वाली धूल से इलाके का पर्यावरण संतुलित। बिगड़ता जा रहा हैं लेकिन सम्बधित महकमा भी इस ओर से बिल्कुल बेपरवाह हैं। इसका खामियां ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा हैं।

विकासखण्ड के धौरपुर, कोटागहना एवं राजपुर क्षेत्र की शासकीय व वन भूमि पर दर्जनभर स्थानों से अवैध उत्खनन कर पत्थर निकाले जा रहे हैं। इन पत्थरों को क्रशर खदान में भेज दिया जाता हैं। अवैध उत्खनन में इलाके के ग्रामीण महिला- पुरुष कार्यरत हैं जो कई बार असुरक्षित ब्लास्टिंग से घायल हो चुके हैं।

खदान संचालित करने वाले लोग पत्थरों को ब्लास्ट के जरिए सुबह ही निकालते हैं ताकि अधिकारियों को इसकी भनक न लगे। राजपुर, कोटागहना, डिगनगर, भेस्की, धौरपुर, भेलाई, चंगोरी, गागर नदि के आसपास संचालित क्रशर प्लांट में वाहनों से सैकड़ो ट्रिप भेजे जा रहे हैं । इस गोरखधंधे की आज तक निष्पक्ष जांच नही होने से कारोबार बेखौफ चल रहा है। उसके बाद गिट्टी को हाइवा ट्रक, ट्रेलर, ट्रक के माध्यम में झारखंड, बनारस, बिहार आदि भेजा जा रहा है।

अधिकारियों का संरक्षण

ग्रामीणों के मुताबित ठेकेदारों को वन एवं राजस्व विभाग का मौन संरक्षण प्राप्त है जिसके चलते वे मनमाने ढंग से पत्थरों का अवैध उत्खनन कर रहे हैं। इतना ही नहीं ठेकेदारों के इशारे पर ही अधिकारी मजदूरों पर अवैध उत्खनन का मामला बनाकर खानापूर्ति भी कर लेते है । कई ऐसे भी ग्रामीण हैं जिन्हें हजार-दो हजार रुपए देकर उनकी जमीन पर उत्खनन कराया जा रहा है।

इलाके में बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध उत्खनन से वन क्षेत्र का पर्यावरण भी प्रभावित होने लगा हैं। क्रशर प्लांट से दिनरात उड़ने वाली धूल व शोर से लोगो का स्वास्थ्य भी प्रभावित होने लगा हैं। ग्राम भेस्की आसपास के पहाड़ी कोरवा अवैध ब्लास्टिंग होने के कारण अपना घर छोड़ कर भग रहे है । अवैध ब्लास्टिंग होने के कारण घरों में दरारें पड़ने लगी है ।

धूल से स्वास्थय खराब होने लगा है। अवैध ब्लाटिंग से बरियों शिव मंदिर एवं बघिमा चंद्रघण्टा मंदिर में दरार पड़ चुकी थी । दुबारा मंदिर का निर्माण कार्य कराया गया। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि ठेकेदारों के द्वारा पहाड़ी कोरवा एवं आदिवासियों का जमीन पर कब्जा कर अवैध ब्लास्टिंग व क्रशर संचालित है। कई क्रशर संचालको के पास आज तक जमीन की डायवर्सन एपीटपास, लीज, पर्यावरण, मेडिसिन, ब्लॉटिंग आदि दस्तावेज तक नही है ।

मात्र कागजों में संचालित हो रहा है। पत्थरों में यूज होने वाली ब्लास्टिंग के लिए बारूद कहा से आता हैं आज तक किसी को मालूम नहीं है। इसकी स्टाक रूम कहा है कोई पता नही है। अवैध बारूद से कभी भी बड़ी घटनाएं घट सकती है। क्षेत्र में बेख़ौफ़ ट्रैक्टर गला कर ड्रिल महीन से सुरंग बना कर अवैध ब्लाटिंग जोरों से संचालित है।


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