शिलाजा के इस्तीफे की मांग पर विपक्ष का बहिर्गमन
यूडीएफ के नेतृत्व वाले विपक्ष ने आज विधानसभा में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्यों की नियुक्ति में स्वास्थ्य मंत्री के के शिलाजा के कथित रूप से अपने अधिकारों के दुरुपयोग मामले में बहिर्गमन किया
तिरुवनंतपुरम। केरल में कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट(यूडीएफ) के नेतृत्व वाले विपक्ष ने आज विधानसभा में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्यों की नियुक्ति में स्वास्थ्य मंत्री के के शिलाजा के कथित रूप से अपने अधिकारों के दुरुपयोग मामले में चर्चा कराने के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव नामंजूर किए जाने के विरोध में बहिर्गमन किया।
सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस के के सी जोसेफ ने कार्यस्थगन प्रस्ताव स्वीकार करने का अनुरोध किया और कहा कि इन नियुक्तियों में नियमों का उल्लंघन करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री की कड़ी आलोचना की जा रही है। जोसेफ ने कहा,“ सदन के सामने पांच विधायक पिछले चार दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मंत्री के इस्तीफे पर सरकार कोई निर्णय नहीं लेती है।
मंत्री पर भाई-भतीजावाद समेत भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। ” उन्होंने कहा,“ विधायक रोजी एम जॉन, वी पी सजींद्रन, एल्दहोस कुन्नापील्ली, एन समसुद्दीन और टी वी इब्राहीम सदन के बाहर धरना जारी रखे हुए हैं।
” मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने अपने जवाब में कहा कि न्यायालय ने मंत्री के विरुद्ध कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है और सरकार ने अदालत से यह कहते हुए मंत्री के विरुद्ध कुछ संदर्भाें को हटाने का अनुरोध किया है कि वह नियुक्तियों के बारे में अवगत नहीं हैं।
इस जवाब के बाद अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन ने कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने की इजाजत देने से इन्कार कर दिया। इसका विपक्ष ने कड़ा विरोध किया। विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)नीत वाम सरकार सामंती अंदाज में काम कर रही है।
बाद में सरकार के रवैये के विरोध में विपक्षी सदस्यों ने सदन से बर्हिगमन कर दिया। इससे पहले प्रश्नकाल शुरू होते ही संपूर्ण विपक्षी सदस्य सदन के बीचो-बीच आ गए तथा मंत्री से इस्तीेफे की मांग को लेकर मंत्री और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए।


