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देशहित के लिए हमारी आवाज एकजुट होनी चाहिए : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां मंगलवार को कहा कि देश के सांसद के रूप में राज्य के विधायक के रूप में हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम लोकतंत्र के सामने आ रही चुनौती को मिलकर हराएं

देशहित के लिए हमारी आवाज एकजुट होनी चाहिए : मोदी
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पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां मंगलवार को कहा कि देश के सांसद के रूप में राज्य के विधायक के रूप में हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम लोकतंत्र के सामने आ रही चुनौती को मिलकर हराएं। उन्होंने कहा कि पक्ष-विपक्ष के भेद से ऊपर उठकर, देश के लिए, देशहित के लिए हमारी आवाज एकजुट होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार का यह स्वभाव है कि जो बिहार से स्नेह करता है, बिहार उसे वो प्यार कई गुना करके लौटाता है। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को पटना में बिहार विधानसभा भवन के 100 साल पूरे होने पर शताब्दी समारोह के समापन के मौके पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज मुझे बिहार विधानसभा परिसर में आने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री होने का सौभाग्य भी मिला है। उन्होंने कहा कि मैं इस स्नेह के लिए बिहार के जन-जन को हृदय से नमन करता हूं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने झारखंड दौरे के बाद बिहार की राजधानी पटना पहुंचे। प्रधानमंत्री ने बिहार विधानसभा परिसर में विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह के समापन के मौके पर शताब्दी स्मृति स्तंभ का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कल्पतरु का शिशु पौधारोपण किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर रिमोट द्वारा बिहार विधानसभा संग्रहालय और बिहार विधानसभा अतिथिशाला के निर्माण का भी शिलान्यास किया।

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने प्रधानमंत्री को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।

प्रधानमंत्री ने बिहार की धरती की चर्चा करते हुए कहा कि जब दुनियां के बडे भूभाग और संस्कृति की ओर अपना पहला कदम बढ़ा रहे थे, तब वैशाली में परिष्कृत लोकतंत्र का संचालन हो रहा था। उन्होंने कहा कि दशकों से हमें यह बताने की कोशिश होती रही है कि भारत को लोकतंत्र विदेशी हुकूमत और विदेशी सोच के कारण मिला है। लेकिन, कोई भी व्यक्ति जब यह कहता है तो बिहार के इतिहास और बिहार की विरासत पर पर्दा डालने की कोशिश करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार विधानसभा का अपना एक इतिहास रहा है और यहां विधानसभा भवन में एक से एक, बड़े और साहसिक निर्णय लिए गए हैं। आजादी के पहले इसी विधानसभा से गवर्नर सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा जी ने स्वदेशी उद्योगों को प्रोत्साहित करने, स्वदेशी चरखा को अपनाने की अपील की थी।

उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र की अवधारणा उतनी ही प्राचीन है, जितना प्राचीन यह राष्ट्र है। जितनी प्राचीन हमारी संस्कृति है।

आजादी के बाद इसी विधानसभा में जमींदारी उन्मूलन अधिनियम पास हुआ। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार पंचायती राज जैसे अधिनियम को पास किया और इसके जरिए बिहार पहला ऐसा राज्य बना, जिसने पंचायती राज में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया।

उन्होंने कहा कि यह स्मृति स्तंभ बिहार के गौरवशाली अतीत का प्रतीक तो बनेगा ही, साथ ही यह बिहार की कोटि-कोटि आकांक्षाओं को भी प्रेरणा देगा।

इससे पहले प्रधानमंत्री झारखंड के देवघर से विशेष विमान से पटना हवाई अड्डा पहुंचे, जहां राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित भाजपा के कई नेताओं ने उनका स्वागत किया।

स्मृति स्तंभ की आधारशिला राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पिछले साल 21 अक्टूबर को विधानसभा के शताब्दी समारोह के उद्घाटन के मौके पर रखी थी।


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