हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ को तेजी से विकसित होने वाले राज्य की प्रतिष्ठा दिलाई: राज्यपाल टंडन
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन ने सरकार के गांव ,गरीब किसान, अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की बेहतरी के लिए प्राथमिकता से काम करने का दावा

रायपुर। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन ने सरकार के गांव ,गरीब किसान, अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की बेहतरी के लिए प्राथमिकता से काम करने का दावा करते हुए कहा कि उसने राज्य को पिछड़े और बीमारू श्रेणी से निकालकर तेजी से विकास करने वाले राज्य की प्रतिष्ठा दिलाई है।
टंडन ने विपक्षी कांग्रेस सदस्यों की टोकाटोकी के बीच कहा कि सरकार द्वारा 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के लिए एक रोड मैप तैयार कर क्षेत्र विशेष की जलवायु और मिट्टी के अनुरूप फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होने बगैर ब्याज के किसानों के ऋण दिए जाने तथा धान का बोनस वितरित करने का भी उल्लेख किया और कहा कि समर्थन मूल्य पर पारदर्शी ढ़ग से धान खरीद पर राज्य की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई है।
उन्होने कहा कि राष्ट्रीय कृषि बाजार(ई-नाम) व्यवस्था को मजबूत बनाने में छत्तीसगढ़ का अहम योगदान भी दर्ज हुआ है। प्रदेश की 14 मंडियां ई नाम से जुड़ चुकी है,जिससे प्रदेश के किसानों को देश के अन्य हिस्सों के भाव तत्काल पता चल जाते है।
उन्होने राज्य में सूखे का जिक्र करते हुए कहा कि 21 जिलों की 96 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित कर फसल क्षति अनुदान के रूप में कलेक्टरों को 437 करोड रूपए मुहैया करवाए गए है।
श्रमिकों के जीवन के हर पहलुओं का अध्ययन कर योजनाएं बनाने का उल्लेख करते हुए उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री ई रिक्शा सहायता योजना के तहत अनुदान की राशि को 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया है।
इसके साथ ही प.दीनदयाल श्रम अन्न योजना के तहत पांच रूपए में भरपेट गर्म भोजन प्रदान करने हेतु विभिन्न शहरों में चावड़ी(मजदूरों के एकत्र होने वाला स्थान) में केन्द्र खोले जा रहे है। इसकी शुरूआत रायपुर से हो चुकी है।


