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वोट बैंक की राजनीति नहीं, विकास पर है हमारा ध्यान : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र की अपनी सरकार की प्राथमिकताओं का जिक्र करते हुए गुरुवार को कहा कि उसका ध्यान केवल विकास पर है न कि वोट बैंक की राजनीति पर

वोट बैंक की राजनीति नहीं, विकास पर है हमारा ध्यान : मोदी
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यादगीर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र की अपनी सरकार की प्राथमिकताओं का जिक्र करते हुए गुरुवार को कहा कि उसका ध्यान केवल विकास पर है न कि वोट बैंक की राजनीति पर।

श्री मोदी ने यहां कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद कहा, “अगर देश का एक जिला भी विकास के मानकों पर पिछड़ जाता है, तो देश विकसित नहीं हो सकता।”
उत्तर कर्नाटक में यादगीर का उदाहरण देते हुए श्री मोदी ने विकास की राह में इस क्षेत्र के पिछड़ेपन पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में क्षमता थी, लेकिन पिछली सरकारों ने यादगीर और ऐसे अन्य जिलों को पिछड़ा घोषित करके खुद को दोषमुक्त कर लिया था।

उन्होंने उस समय को याद किया जब पुरानी सरकारें वोट बैंक की राजनीति में लिप्त थीं और बिजली, सड़क और पानी जैसे बुनियादी ढांचे पर ध्यान नहीं दिया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर सबसे पिछड़े क्षेत्रों पर ध्यान दिया और यादगीर सहित सौ आकांक्षी गांवों के अभियान की शुरुआत की।

प्रधानमंत्री ने इन क्षेत्रों में सुशासन और विकास पर जोर दिया और बताया कि यादगीर में 100 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण किया गया है, कुपोषित बच्चों की संख्या में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा, “शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो या संपर्क, यादगीर का प्रदर्शन आकांक्षी जिलों के कार्यक्रम के शीर्ष 10 में से एक रहा है।”

श्री मोदी ने याद दिलाया कि आने वाले 25 साल देश के लिए और हर राज्य के लिए ‘अमृत काल’ हैं। उन्होंने कहा, “हमें इस अमृत काल में विकसित भारत बनाना है। यह तभी हो सकता है जब हर व्यक्ति, परिवार और राज्य इस अभियान से जुड़ें। भारत का विकास तभी हो सकता है, जब किसानों और उद्यमियों का जीवन सुधरे। भारत का विकास तभी हो सकता है, जब खेतों में अच्छी फसल हो और कारखानों में उत्पादन बढ़े।”

उन्होंने कहा कि इसके लिए अतीत के नकारात्मक अनुभवों और खराब नीतियों से सीखने की जरूरत होगी।

श्री मोदी ने 21वीं सदी के भारत के विकास के लिए जल सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया जो सीमा, तटीय और आंतरिक सुरक्षा के ही समान है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में लंबित पड़ी 99 सिंचाई योजनाओं में से 50 पूर्ण हो चुकी हैं और योजनाओं का विस्तार किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भी ऐसी कई परियोजनाएं चल रही हैं। उन्होंने बताया कि 10,000 क्यूसेक की नहर क्षमता वाला नारायणपुर लेफ्ट बैंक कैनाल - एक्सटेंशन रिनोवेशन एंड मॉडर्नाइजेशन प्रोजेक्ट (एनएलबीसी-ईआरएफ) 4.5 लाख हेक्टेयर कमांड एरिया की सिंचाई कर सकता है।


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