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क्रिकेट में नस्लवाद को तोड़ना हमारी प्रतिबद्धता : ईसीबी

ईसीबी ने माना है कि क्रिकेट नस्लवाद से महरूम नहीं है और इसलिए उसने निकट भविष्य में इससे निपटने की कसम खाई

क्रिकेट में नस्लवाद को तोड़ना हमारी प्रतिबद्धता : ईसीबी
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लंदन । इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने माना है कि क्रिकेट नस्लवाद से महरूम नहीं है और इसलिए उसने निकट भविष्य में इससे निपटने की कसम खाई है। हाल ही में अमेरिक में अश्वेत शख्स जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद दुनिया भर में नस्लवाद के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। कई पूर्व और मौजूदा क्रिकेटरों ने इसके खिलाफ आवाज भी उठाई है। इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर माइकल कारबैरी और मौजूदा टेस्ट टीम के सदस्य जेम्स एंडरसन ने खुले तौर पर आकर इस पर बात की है।

ईसीबी ने एक बयान में कहा, "हमने उन लोगों की बातों को बड़े ध्यान से सुना जिन्होंने हाल ही में क्रिकेट, खेल और समाज में अश्वेत होने के अपने अनुभव को लेकर बात की है। इस अहम मुद्दे पर अपनी बात रखने के लिए हम उनकी प्रशंसा करते हैं। हम जानते हैं कि नस्लवाद पूरे देश में अलग-अलग जगह है और हम इस बात को भी जानते खेल इससे अछूता नहीं है।

उन्होंने कहा, "हम इस बात को जानते हैं कि क्रिकेट हर किसी के लिए है, लेकिन इस बात को समझते हैं कि इसका लुत्फ लेने में कई समुदायों में बाधाएं हैं। हमने देश में ज्यादा से ज्यादा लोगों के पास क्रिकेट को पहुंचा कर प्रगति की है और यह हमारी प्रतिबद्धता है कि हम इस बाधा को दूर करें, पूरे खेल में अपने ढांचे को बदलें।"

बयान में कहा गया है, "यह जरूरी है कि जो आवाजें उठ रही हैं हमें उन्हें सुने। हमें अपने आप को शिक्षित करना होगा, असहज सच को मानना होगा ताकि हम आंतरिक तौर पर और खेल में लंबे बदलाव के वाहक बन सकें।"


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