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सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर कवि सम्मेलन आयोजित

सो-जीत इंडिया ट्रस्ट की ओर से सुभाषचंद्र बोस जयंती के उपलक्ष्य में मोहननगर स्थित पार्श्वनाथ पैराडाईज सोसाइटी में 5वें कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया

सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर कवि सम्मेलन आयोजित
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गाजियाबाद। सो-जीत इंडिया ट्रस्ट की ओर से सुभाषचंद्र बोस जयंती के उपलक्ष्य में मोहननगर स्थित पार्श्वनाथ पैराडाईज सोसाइटी में 5वें कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

चार घंटे तक इस चले इस कवि सम्मेलन में देश के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे कवियों ने अपनी रचनाओं पर खूब तालियां बटोरी। कवि सम्मेनल की शुरूआत सो-जीत इंडिया ट्रस्ट के संयोजक ब्रह्मïपाल सिंह ने कवियों के स्वागत के साथ किया। कवि-सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे कवि मासूम गाजियाबादी ने स्कूलों में बच्चों के असुरक्षा को रेखांकित करते हुए कहा कि चले जाते हैं बच्चे जब स्कूल की जानिब, खयाल तो आते हैं मगर अच्छे नहीं आते।

कवि सम्मेलन का संचालन कर रहे युवा कवि राधाकांत पाण्डेय ने कहा कि सबको स्वतंत्रता मिली है बोलने कि किन्तु, याद रहे देश के विरुद्ध मत बोलना। कवयित्री सरोज सिंह ने अपनी द्रौपदी कविता के माध्यम से पुरूष प्रधान समाज की विसंगतियों को रेखांकित किया। युवा कवि अनूप पाण्डेय ने अपनी कविताओं के माध्यम से प्रेम के वियोग पक्ष को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रेम अनुबंध अपने सभी तोड़कर, इस कदर दूर जाओगे मुंह मोड़कर।

क्या खबर थी कि यूं तुम चले जाओगे, आंख में एक सिसकती नदी छोड़कर। गाजीपुर से आए हास्य कवि फजीहत गहमरी ने अपनी कविताओं के माध्यम से भ्रष्ट अफसरों और नेताओं पर कड़ा प्रहार किया। मुम्बई से आए प्रसिद्ध गजलकार मनोज भावुक ने सामाजिक विडंबनाओं पर चोट करते हुए कहा कि मरे हुए एक रावण को हर साल जलाते हैं हम लोग, जिन्दा रावण कंसों से तो आंख चुराते हैं हम लोग।

ओज के बड़े कवि वागीश दिनकर ने अपनी कविताओं के माध्यम से राम और कैकयी के परस्पपर संबंधों और उनके विवषताओं को परिभाषित किया। इस मौके पर मुख्य रूप से अंजू सिंह, विजय जोशी, अशोक श्रीवास्तव, गिरीशचंद मिश्रा, सुरेन्द्र सुरेन्द्र शुक्ला आदि मौजूद थे।



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