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डीएम की पोस्ट पर बवाल, फिर से तनाव

उत्तर प्रदेश के कासगंज में फैली हिंसा को लेकर बरेली के जिलाधिकारी (डीएम) राघवेंद्र विक्रम सिंह के फेसबुक पोस्ट से विवाद पैदा हो गया है

डीएम की पोस्ट पर बवाल, फिर से तनाव
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कासगंज। उत्तर प्रदेश के कासगंज में फैली हिंसा को लेकर बरेली के जिलाधिकारी (डीएम) राघवेंद्र विक्रम सिंह के फेसबुक पोस्ट से विवाद पैदा हो गया है। जिसपर योगी सरकार ने भी सख्ती दिखाई। सरकार के हंगामे के बाद सिंह ने अपनी सफाई पेश करते हुए मंगलवार को एक और पोस्ट लिखा। उन्होंने लिखा कि उनका पुराना पोस्ट कासगंज में हो रही हिंसा को लेकर नहीं बल्कि बरेली में कांवड़ यात्रा के दौरान आई 'लॉ एंड ऑर्डर' की दिक्कत को लेकर था। डीएम ने लिखा कि अगर मेरे पिछले पोस्ट से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं। फेसबुक पोस्ट में डीएम ने लिखा कि मेरे पोस्ट का गलत मतलब निकाला गया। वहींकासगंज में हालात आज भी तनावपूर्ण हैं। इलाके से अभी भी छिटपुट हिंसक घटनाएं होने की सूचना है। शहर में बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है।

त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) और पीएसी के जवान स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। अफवाहें फैलाने वालों और उपद्रवियों को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। उधर मामले में 18 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। दूसरी ओर चार अज्ञात लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हालांकि मुख्य आरोपी अभी भी फरार हैं। मामले पर राजनीति भी तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अगर मृतक चंदन गुप्ता की जगह कोई मोहम्मद इस्माईल होता तो मीडिया में अलग बहस होती। हमें इस मनोवृत्ति को बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कासगंज हिंसा सुनियोजित लगती है। योगी आदित्यनाथ सरकार इस तरह की घटनाओं में लिप्त किसी को नहीं बख्शेगी।

ये था डीएम का पुराना पोस्ट

डीएम राघवेंद्र ने कुछ दिन पहले एक पोस्ट किया था जिसे कासगंज में फैली हिंसा से जोड़ा गया। उन्होंने 28 जनवरी को फेसबुक पर लिखा, अजब रिवाज बन गया है। मुस्लिम मुहल्लों में जबर्दस्ती जुलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ। क्यों भाई वे पाकिस्तानी हैं क्या? यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था।


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