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मप्र में पुरुष नसबंदी का टारगेट देने वाला आदेश निरस्त

मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य अमले को पुरुष नसबंदी का टारगेट देने वाले आदेश पर सरकार को यूटर्न लेना पड़ा है। पूर्व में जारी किए गए आदेश को शुक्रवार को निरस्त कर दिया गया

मप्र में पुरुष नसबंदी का टारगेट देने वाला आदेश निरस्त
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भोपाल। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य अमले को पुरुष नसबंदी का टारगेट देने वाले आदेश पर सरकार को यूटर्न लेना पड़ा है। पूर्व में जारी किए गए आदेश को शुक्रवार को निरस्त कर दिया गया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक छवि भारद्वाज ने कर्मचारियों के लिए पुरुष नसबंदी का लक्ष्य तय किया था। इसके मुताबिक एमपीडब्ल्यू और पुरुष सुपरवाइजरों के लिए हर माह पांच से 10 पुरुषों को नसबंदी का लक्ष्य दिया गया था। ऐसा न करने वाले को दंडित करने का प्रावधान किया गया था, जिसमें नो वर्क नो पे का प्रावधान था। यह आदेश 11 फरवरी को जारी किया गया था।

पुरुष नसबंदी का टारगेट तय करने और लक्ष्य न पाने पर वेतन रोकने व सेवानिवृत्ति तक की चेतावनी दिए जाने का आदेश सामने आने पर विपक्ष हमलावर हुआ।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस आदेश को इमरजेंसी पार्ट दो तक कह डाला।

उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश में अघोषित आपातकाल है। क्या ये कांग्रेस का इमरजेंसी पार्ट-2 है? एमपीएचडब्ल्यू (मेल मल्टी पर्पज हेल्थ वर्क ) के प्रयास में कमी हो, तो सरकार कार्रवाई करे, लेकिन लक्ष्य पूरे नहीं होने पर वेतन रोकना और सेवानिवृत्त करने का निर्णय, तानाशाही है। मप्र मांगे जवाब।"

मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव के निर्देश पर प्रभारी मिशन संचालक डॉ जे विजयकुमार ने पूर्व में जारी आदेश को निरस्त करने का शुक्रवार को आदेश जारी किया।


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