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श्रीलंका की हिरासत से तमिलनाडु के मछुआरों की रिहाई के लिए ओपीएस ने केंद्र को लिखा पत्र

अन्नाद्रमुक के अपदस्थ समन्वयक और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) ने सोमवार को श्रीलंकाई नौसेना की हिरासत से राज्य के 16 मछुआरों की रिहाई के लिए विदेश मंत्री के हस्तक्षेप की मांग की

श्रीलंका की हिरासत से तमिलनाडु के मछुआरों की रिहाई के लिए ओपीएस ने केंद्र को लिखा पत्र
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चेन्नई। अन्नाद्रमुक के अपदस्थ समन्वयक और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) ने सोमवार को श्रीलंकाई नौसेना की हिरासत से राज्य के 16 मछुआरों की रिहाई के लिए विदेश मंत्री के हस्तक्षेप की मांग की। पत्र में, पूर्व मुख्यमंत्री चाहते हैं कि केंद्रीय मंत्री एस जयशंकर उन मछुआरों की तत्काल रिहाई के लिए हस्तक्षेप करें, जिन्हें उनकी मशीनीकृत नौकाओं और अन्य सामानों के साथ श्रीलंकाई नौसेना की हिरासत में लिया गया था।

गौरतलब है कि तमिलनाडु के नागापट्टिनम जिले के अक्कराईपेट्टई बेस से 12 मछुआरे मैकेनाइज्ड ट्रॉलर नंबर आईएनडी-टीएन-06 एमएम 7818 में समुद्र में उतरे थे और चार मछुआरे पुदुकोट्टई जिले के कोट्टईपट्टनम से मैकेनाइज्ड ट्रॉलर नंबर आईएनडी-टीएन-08 एमएम 081 से रवाना हुए थे।

जयशंकर को लिखे पत्र में ओपीएस ने कहा कि मछुआरे भारतीय जलक्षेत्र के भीतर थे और श्रीलंकाई नौसेना ने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार करने का हवाला देते हुए गिरफ्तार किया था। पत्र में कहा- हमारे मछुआरों की गिरफ्तारी की घटनाएं बेरोकटोक जारी हैं और तमिलनाडु में मछुआरा समुदाय के बीच भय, चिंता और उथल-पुथल की भावना पैदा कर रही हैं। हमारे मछुआरों को उनकी जगह से शांतिपूर्ण मछली पकड़ने के अधिकार से वंचित करना तमिलनाडु के मछुआरों के बीच काफी नाराजगी पैदा कर रहा है।

वरिष्ठ नेता ने कहा कि तमिलनाडु के मछुआरे लगातार इस डर से समुद्र में जा रहे हैं कि उन पर श्रीलंकाई नौसेना का हमला हो सकता है।


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