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बढ़ती जा रही हैं विपक्ष की मुसीबतें

अरविंद केजरीवाल को ईडी की हिरासत से छुड़वाने की 'आप' की कोशिशें अभी तक रंग नहीं ला पाई हैं.

बढ़ती जा रही हैं विपक्ष की मुसीबतें
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लोकसभा चुनाव सिर पर हैं और ऐसे में विपक्ष की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं. अरविंद केजरीवाल को ईडी की हिरासत से छुड़वाने की 'आप' की कोशिशें रंग नहीं ला पाई हैं और कांग्रेस के खिलाफ आयकर विभाग की और कार्रवाई होने की संभावना है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और एक निचली अदालत द्वारा दी गई रिमांड को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है. हाई कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई चल रही है.

लेकिन राजनीतिक रूप से उनकी पार्टी कई समस्याओं से जूझ रही है. केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है, जिसका मतलब है वह एक तरह से हिरासत में होते हुए सरकार चला रहे हैं.

चुनाव लड़ने की जगह प्रदर्शन में व्यस्त

अभी तक हिरासत से उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के लिए दो आदेश भी दिए हैं, लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि ईडी इन फैसलों की वैधता की भी जांच कर रही है.

केजरीवाल का हिरासत में होना सिर्फ दिल्ली के प्रशासन के नजरिए से ही नहीं बल्कि पार्टी के चुनावी अभियान के नजरिए से भी महत्वपूर्ण है. जिन जिन राज्यों में पार्टी की चुनावी और राजनीतिक मौजूदगी है, वहां केजरीवाल ही पार्टी का मुख्य चेहरा हैं.

इस समय अगर वो हिरासत में नहीं होते तो पार्टी के उम्मीदवारों के लिए कैंपेन कर रहे होते. उनकी गैर-मौजूदगी में पार्टी का स्टार कैंपेनर अभियान से गायब है. इसके अलावा पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी चुनावी अभियान में शामिल होने की जगह प्रदर्शनों में व्यस्त होने पर मजबूर हैं.

'आप' मुसीबतों से घिर जाने वाली अकेली विपक्षी पार्टी नहीं है. कांग्रेस भी एक बड़ी समस्या का सामना कर रही है. हाल ही में आयकर विभाग ने पार्टी का बकाया टैक्स वसूलने के लिए उसके बैंक खातों से 135 करोड़ रुपए ले लिए थे. अब यह संकट और बड़ा होने की संभावना है.

चुनाव लड़ने के लिए पैसों की कमी

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक विभाग ने पार्टी के खातों में 2014 से 2021 के बीच 523.87 करोड़ रुपयों के मूल्य का बेहिसाब लेन-देन पाया है और इसके लिए वह पार्टी से और भी भारी रकम वसूल सकता है.

कांग्रेस नेता और अधिवक्ता विवेक तन्खा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पार्टी को आशंका है कि विभाग इन 523.87 करोड़ रुपयों में भारी जुरमाना और ब्याज जोड़ कर पार्टी को नोटिस जारी कर सकता है.

इससे पहले उसके खातों से 135 करोड़ रुपये ले लिए जाने के खिलाफ पार्टी ने आयकर अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील की थी उसकी अपील को नामंजूर कर दिया गया था. अब पार्टी के नेताओं का कहना है कि उनके सामने एक भारी वित्तीय संकट खड़ा है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी कहा है कि इस समय पार्टी के पास ना विज्ञापन देने के पैसे हैं, ना चुनावी उम्मीदवारों को देने के लिए और ना नेताओं की यात्राओं के लिए.


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