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राज्यसभा में 'दिल्ली संशोधन विधेयक' पर विपक्ष का व्हिप, बीजेडी-वाईएसआर कांग्रेस सत्ता पक्ष के साथ

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक' पेश करेंगे। इस दौरान राज्यसभा में हंगामे के आसार बने हुए हैं।

राज्यसभा में दिल्ली संशोधन विधेयक पर विपक्ष का व्हिप, बीजेडी-वाईएसआर कांग्रेस सत्ता पक्ष के साथ
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नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक' पेश करेंगे। इस दौरान राज्यसभा में हंगामे के आसार बने हुए हैं। विपक्ष के कई सांसदों ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग एक बार फिर दोहराई है। इसके लिए विपक्षी दलों के सांसदों द्वारा स्थगन नोटिस दिया गया है।

इन सांसदों की मांग है कि सोमवार को राज्यसभा के सभी कार्यों को स्थगित करते हुए मणिपुर हिंसा पर नियम 276 के तहत विस्तार से चर्चा कराई जाए।

वहीं राज्यसभा में सत्ता व विपक्ष के बीच इस विधेयक को लेकर कांटे की लड़ाई मानी जा रही है। हालांकि अब सत्तापक्ष की राह काफी आसान हो चुकी है। इस विधेयक के लिए उन्हें राज्यसभा में नवीन पटनायक की बीजू जनता दल और जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस का समर्थन भी हासिल है।

आम आदमी पार्टी ने इस विधेयक को अलोकतांत्रिक करार दिया है और अपने सभी सांसदों से विधेयक के खिलाफ वोट करने तो कहा है। कांग्रेस ने भी अपने राज्यसभा सांसदों को सोमवार को सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। इसमें कहा गया है कि राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के सभी सदस्यों से अनुरोध है कि वे सोमवार, 7 अगस्त को सुबह 11 बजे से सदन स्थगन होने तक सदन में उपस्थित रहें और पार्टी के रुख का समर्थन करें।

इस विधेयक पर इंडिया गठबंधन की सभी विपक्षी पार्टियों का स्पष्ट रुख है। इन दलों का कहना है कि वे इस विधेयक के खिलाफ हैं।

कांग्रेस से राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि हम राज्यसभा में इस विधायक का जमकर विरोध करेंगे। आम आदमी पार्टी को इस विधेयक के मुद्दे पर कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी, सपा, शिवसेना यूबीटी समेत कई दलों का समर्थन प्राप्त है।

लोकसभा पहले इस विधेयक को पारित कर चुकी है।

इंडिया गठबंधन से जुड़े विपक्षी दल राज्यसभा में 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक' को पास होने से रोकना चाहते हैं। इसके लिए सभी विपक्षी दलों से इस विधेयक के खिलाफ मतदान की अपील भी की गई है।

हालांकि सरकार का कहना है कि राज्यसभा में इस विधेयक को पारित कराने के लिए उसके पास पर्याप्त संख्या बल है।

गौरतलब है कि इस विधेयक पर पक्ष और विपक्ष के बीच तनातनी बनी हुई है। इस बिल को 25 जुलाई को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई थी।

केंद्र सरकार, 19 मई को दिल्ली सरकार में तैनात अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा अध्यादेश अध्यादेश लाई थी। इस अध्यादेश में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया गया था।


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