इविवि का नाम बदलने के प्रस्ताव का विरोध
पूरब के आक्सफोर्ड के नाम से विख्यात इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) का नाम बदलने के प्रस्ताव को लेकर छात्रों में आक्रोशित छात्र नेताओं ने कहा कि वे सड़क से सदन तक इसके लिए लडाई लड़ेंगे।

प्रयागराज। पूरब के आक्सफोर्ड के नाम से विख्यात इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) का नाम बदलने के प्रस्ताव को लेकर छात्रों में आक्रोशित छात्र नेताओं ने कहा कि वे सड़क से सदन तक इसके लिए लडाई लड़ेंगे।
छात्र नेताओं का कहना है कि इविवि का गौरवशाली इतिहास रहा है। इस विश्वविद्यालय ने देश को वैज्ञानिक, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, कवि, न्यायविद, संविधानविद दिए हैं। नाम बदलने से क्या इसका गौरवशाली इतिहास बदल जायेगा। इविवि के गौरवशाली अतीत का जिक्र करते हुए कहा कि इविवि भारत का एकमात्र विश्वविद्यालय है जो भारत ही नहीं, पड़ोसी देशों के लिए भी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तैयार करने की क्षमता रखता है।
गौरतलब है कि फूलपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद श्रीमती केसरी देवी पटेल ने पिछले दिनों संसद में इविवि का नाम बदलकर प्रयागराज विश्वविद्यालय करने की मांग की थी।
इविवि की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने गुरूवार को कहा कि किसी का नाम बदलने से उसकी उपयोगिता या उसका इतिहास नहीं बदलता, फिर नाम बदलने का औचित्य क्या है। इलाहाबाद में माघ मेला, कुंभ, अर्द्ध कुंभ मेला लगता है तब क्या प्रयागराज नाम होने पर यह बन्द हो जायेगा। इलाहाबाद में यह मेला लगता है तब प्रयागराज होने के बाद भी लगता रहेगा। इसकी धार्मिक महत्ता में किसी प्रकार की कमी नहीं होगी। यह मेला सदियाें से चला आ रहा है।
उन्होने बताया कि इविवि के नाम से भारत में ही नहीं दुनिया में जाना जाता है। यह “आक्सफोर्ड आफ द ईस्ट” कहलाता है। उन्होने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि इलाहाबाद की रहने वाली सांसद को इविवि का नाम
बदलने का संसद में प्रस्ताव लाना शर्मनाक है। तमाम छात्रों ने इसके विरोध में विवि में बुधवार को सरकार का पुतला भी फूंका। उन्होने कहा कि इसके लिए जो आंदोलन की जरूरत पड़ेगी उसे किया जायेगा। सड़क से सदन तक इसके लिए लडाई लड़ेंगे।
छात्रनेता सुशील कुश्वाहा ने कहा कि विश्वविद्यालय के नाम बदलने की हर कोशिश का प्रतिरोध किया जायेगा। इसके गौरवशाली इतिहास के साथ किसी प्रकार का छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


