इंदौर में नगर निगम द्वारा कर बढ़ाए जाने का विरोध
देश में इंदौर की पहचान सबसे साफ सुथरे शहर की है, यहां नगर निगम ने आगामी एक अप्रैल से कई करों में बढ़ोत्तरी का फैसला लिया है

इंदौर। देश में इंदौर की पहचान सबसे साफ सुथरे शहर की है, यहां नगर निगम ने आगामी एक अप्रैल से कई करों में बढ़ोत्तरी का फैसला लिया है। इसका विरोध शुरु हो गया है। भाजपा की विधायक और पूर्व महापौर मालिनी गौड़ ने तो निगम के फैसले का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा है। इंदौर नगर निगम ने संपत्ति, घर-घर कचरा प्रबंधन और जलकर में बढ़ोतरी की है। कर में हुए इजाफे से लोगों को दोगुनी राशि तक चुकानी होगी। इसको लेकर विधायक गौड़ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है, इसमें कहा गया है कि नगर निगम ने कर में बढ़ोत्तरी का फैसला लिया है जो जनहित में नहीं है।
अपने कार्यकाल का जिक्र करते हुए गौड़ ने लिखा है कि वर्ष 2015 से 2020 तक महापौर रही इस अवधि में किसी भी कर में बढ़ोत्तरी नहीं की गई थी, फिर भी नगर निगम की आय बढ़ी थी।
उन्होंने आगे लिखा है कि वर्तमान में कोरोना संकट है और लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर है, ऐसे में जनता के लिए भार सहन करना मुश्किल भरा है। इसलिए एक अप्रैल से प्रस्तावित कर वृद्धि को स्थगित किया जाए।
मालूम हो कि राज्य शासन के निर्देश पर इंदौर नगर निगम ने घर-घर कचरा प्रबंधन और जलकर में बढ़ोतरी की है। पहले जहां जल कर के तौर पर 200 रुपये शुल्क देना होता था, अब उसे बढ़ाकर 400 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा निगम ने कचरा संग्रहण शुल्क को दोगुना कर दिया है। इसको लेकर कांग्रेस भी निगम और सरकार पर हमलावर है।


