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जामा मस्जिद इलाके में मतदान के साथ-साथ सीएए का विरोध

जामा मस्जिद इलाके में दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को एक ओर जहां मतदान हुआ

जामा मस्जिद इलाके में मतदान के साथ-साथ सीएए का विरोध
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नई दिल्ली | जामा मस्जिद इलाके में दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को एक ओर जहां मतदान हुआ, वहीं दूसरी ओर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर विरोध प्रदर्शन भी जारी रहा। मताधिकार का प्रयोग करने आए लोगों ने इस बात की जानकारी दी। मतदाताओं ने कहा, "पुरानी दिल्ली की जामा मस्जिद में शनिवार के रोज मतदान और नागरिकता संशोधन कानून का विरोध दोनों साथ-साथ किया गया। जामा मस्जिद के मुख्य द्वार और अंदर राष्ट्रीय ध्वज लगाया गया है। राष्ट्रीय ध्वज के साथ ही सीएए का विरोध करने वाले पोस्टर भी लगाए गए हैं।"

मतदान करने के बाद स्थानीय लोग नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अपनी नाराजगी जताने के लिए यहां एकत्र हुए। हालांकि, इस दौरान माहौल पूरी तरह से शांत रहा। सीएए का विरोध करने वाले लोगों ने शनिवार को किसी भी प्रकार की नारेबाजी या कोई हंगामा नहीं किया। जामा मस्जिद के मुख्य द्वार गेट नंबर 1 के दोनों ओर कई मीटर लंबा तिरंगा झंडा बांधा गया था। मुख्य द्वार की सीढ़ियां चढ़ने के बाद यहां राष्ट्रीय ध्वज के नीचे सीएए विरोधी पोस्टर भी लगाए गए थे।

स्थानीय निवासी जावेद अहमद ने कहा, "हम भारत के लोग हैं। हमें अपने इस मुल्क, इसके संविधान और राष्ट्रीय ध्वज से बेहद लगाव है। यही कारण है कि हम संविधान के दायरे में रहते हुए अपने राष्ट्रीय ध्वज की रहनुमाई में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं।"

अपने परिवार के साथ दिल्ली के सीलमपुर इलाके से यहां आए दानिश ने कहा, "हम लोगों ने पहले मतदान किया, जो कि हमारा फर्ज और अधिकार दोनों है। पहला फर्ज निभाने के बाद हम नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने के लिए दूसरा फर्ज निभाने यहां आए हैं।"

जामा मस्जिद की सीढ़ियों पर इकट्ठा हुए लोगों ने आज (शनिवार) के दिन किसी भी प्रकार की नारेबाजी से परहेज रखा। यहां आई नाहिदा ने कहा, "आज (शनिवार को) वोटिंग के दिन लोग घरों से निकलकर पहले वोट करने जा रहे हैं और उसके बाद काले कानून के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए कुछ देर यहां तिरंगे तले बैठ कर अपना विरोध जता रहे हैं।"

स्थानीय लोगों के अनुसार, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शनिवार को किसी भी प्रकार के धरने या प्रदर्शन का कोई सामूहिक आयोजन नहीं किया गया है। लोग अपनी मर्जी से मतदान के उपरांत यहां कुछ देर के लिए रुक कर वापस जा रहे हैं। विरोध जताने का यह शांतिपूर्ण तरीका शनिवार सुबह से ही जारी रहा। वहीं अधिकांश मतदान केंद्रों पर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या अधिक रही। सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं।

जामा मस्जिद व मटिया महल के मतदान केंद्रों पर दिल्ली पुलिस के जवानों के अलावा आधुनिक हथियारों से लैस अर्धसैनिक बलों के जवान भी नजर आए। हालांकि शनिवार दोपहर तक इनमें से किसी भी मतदान केंद्र पर हिंसा, कहासुनी या झड़प की कोई वारदात सामने नहीं आई।

जामा मस्जिद इलाके में बड़ी संख्या में बुजुर्ग मतदाता भी मतदान करने के लिए घरों से बाहर निकले। ऐसे बुजुर्ग मतदाताओं को अधिकांश पोलिंग बूथों पर मतदाताओं की पंक्ति में तरजीह दी गई। बुजुर्ग मतदाताओं को लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ा। स्थानीय लोगों और चुनाव अधिकारियों की मदद से बुजुर्ग मतदाताओं को पहले मतदान कराने की व्यवस्था की गई।


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