गीता प्रेस को पुरस्कार का विरोध राष्ट्रीय अपमान : आलोक कुमार
विश्व हिंदू परिषद ने गीता प्रेस को वर्ष 2021 का गाँधी शान्ति पुरस्कार दिये जाने के विरोध में कांग्रेस के प्रवक्ता जयराम रमेश के बयान को दु:खद और औपनिवेशिक मानसिकता से ग्रस्त करार दिया है

नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद ने गीता प्रेस को वर्ष 2021 का गाँधी शान्ति पुरस्कार दिये जाने के विरोध में कांग्रेस के प्रवक्ता जयराम रमेश के बयान को दु:खद और औपनिवेशिक मानसिकता से ग्रस्त करार दिया है।
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय कार्याध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने सोमवार को एक बयान में कहा, “मुझे दु:ख है कि कांग्रेस अभी तक अपनी कोलोनियल मानसिकता से मुक्त नहीं हुई। कितना घटिया बयान है कि यह कहा जाए कि ये सम्मान सावरकर और गोडसे का आदर है। ”
उन्होंने कहा कि 100 वर्षों से गीता प्रेस ने नि:स्स्वार्थ एवं निष्ठा भाव से भारतीय सद-साहित्य, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक साहित्य बहुत साधारण मूल्यों पर जन सामान्य को उपलब्ध कराया है। भाषा, व्याकरण और शब्दावली की उत्कृष्टता, छपाई की उत्तमता, बिना विज्ञापन लिए पुस्तक और पत्र-पत्रिकाओं को जन जन तक पहुंचाने का काम उन्होंने किया है। उनको गांधी शांति पुरस्कार मिलना श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार और जयदयाल गोयनका जैसे लोगों की साधना की स्वीकार्यता ही है।
विहिप कार्याध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा इसकी गोडसे से तुलना करना पूरे भारतीय आध्यात्मिक
वांग्मय का अपमान करने के समान है। उन्होंने सवाल किया, “कांग्रेस आखिर कौनसी मानसिकता से ग्रस्त हैं? चर्च की या मस्जिद की! मैं समझता हूं कि कांग्रेस का ये बयान देश के लिए हताशा और अपमानजनक बयान है। मैं इसकी निंदा करता हूँ और गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस को दिए जाने पर सरकार को साधुवाद देता हूँ। ”


