सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को 'हटाने' को लेकर विपक्ष ने भाजपा को घेरा
विपक्ष ने आज नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक आलोक वर्मा को 'हटाए' जाने को लेकर हमला बोला

नई दिल्ली। विपक्ष ने आज नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक आलोक वर्मा को 'हटाए' जाने को लेकर हमला बोला।
आम आदमी पार्टी सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस कदम को उठाने के लिए सरकार के अधिकार को लेकर सवाल उठाया।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "सीबीआई निदेशक को छुट्टी पर भेजने का क्या कारण है? किस कानून के तहत मोदी सरकार को यह अधिकार मिला कि वह लोकपाल अधिनियन के मुताबिक नियुक्त एक जांच एजेंसी के प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई शुरू करे? मोदी सरकार क्या छिपाने का प्रयास कर रही है?"
Is there a co-relation betn Rafale deal and removal of Alok Verma? Was Alok Verma about to start investigations into Rafale, which cud become problem for Modi ji?
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 24, 2018
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने भी ट्विटर पर केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना की और इसे अवैध करार दिया।
उन्होंने कहा, "मोदी सरकार ने खुद से चुने अधिकारी की रक्षा करने के लिए सीबीआई चीफ को अवैध रूप से हटा दिया है, जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की जांच की जा रही है। भाजपा के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व के इस अधिकारी से सीधे संबंधों पर पर्दा डालने के लिए यह किया गया है।"
The illegal removal of CBI Chief by Modi government to protect their own handpicked officer, against whom serious charges of corruption are being investigated, points to attempts at a serious cover-up to protect his direct links to the BJP's top political leadership. https://t.co/A6BM8RY5Ao
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) October 24, 2018
To ensure that the CBI is not a “caged parrot”, Supreme Court had granted protection to the Chief from govt’s whims and fancies by giving him a two-year tenure. What is Modi govt trying to hide by its panic move? #BJPCorruption
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) October 24, 2018
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई पिंजरे में बंद एक तोता बनकर ना रह जाए, इसके लिए एजेंसी के चीफ को सरकारों की सनक से सुरक्षा देने के लिए दो साल का कार्यकाल दिया था। मोदी सरकार घबराहट में उठाए गए कदम से क्या छिपाने की कोशिश कर रही है।
मध्यरात्रि के एक चौंकाने वाले फैसले में केंद्र सरकार ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से प्रभार लेकर उनकी जगह एजेंसी के संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को निदेशक पद का प्रभार सौंप दिया।


