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राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा को तैयार हुआ विपक्ष

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा की अवधि बढ़ाकर 15 घंटे किए जाने को लेकर आम सहमति बनने के बाद विपक्षी पार्टियां चर्चा के लिए तैयार हो गई हैं

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा को तैयार हुआ विपक्ष
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा की अवधि बढ़ाकर 15 घंटे किए जाने को लेकर आम सहमति बनने के बाद विपक्षी पार्टियां चर्चा के लिए तैयार हो गई हैं। कई पार्टियां चर्चा की अवधि बढ़ाए जाने की मांग कर रही थीं।

बहरहाल, इस मसले पर गतिरोध दूर होने के परिणामस्वरूप इस बात की उम्मीद की जा रही है कि धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान तीन नए कृषि कानूनों व किसानों के मौजूदा आंदोलन पर भी चर्चा की जा सकती है। गौरतलब है कि मंगलवार को तीन नए कृषि कानूनों पर किसानों के आंदोलन पर बहस की विपक्षी दलों की मांग को लेकर हुए हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही बिना किसी खास कामकाज के स्थगित कर दी गई थी। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने विपक्ष के निलंबन नोटिस को अस्वीकार कर दिया था।

बहरहाल, बुधवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही प्रारंभ हुई, विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार ने इस बात का हवाला दिया है कि राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव के पहले चर्चा करने की कोई रस्म नहीं है, इसलिए सभी विपक्ष दलों ने धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करने और किसानों के मुद्दे को उठाने पर सहमति जताई है।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के प्रस्ताव के बाद सभापति ने भी सदन में व्यापक सहमति पर अपनी सहमति व्यक्त की।

मंगलवार को तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर विपक्ष के विरोध और लगातार हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। राज्यसभा में विपक्षी सदस्य इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा कराने की मांग करते हुए सदन के बीचोंबीच आकर नारेबाजी करने लगे।

विपक्ष के हंगामे पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस मुद्दे पर सदन में आज (बुधवार) चर्चा कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा था कि सरकार और किसान संगठनों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है और राष्ट्रपति के अभिभाषण में किसानों के आंदोलन की बात शामिल की गई है।


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