अमानतुल्ला खान को वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया पर विवाद गहराया, विपक्ष हमलावर
दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पद पर आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्ला खान की नियुक्ति प्रक्रिया पर अब विवाद गहराता जा रहा है और विपक्ष भी हमलावर तेवर में है

नई दिल्ली। दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पद पर आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्ला खान की नियुक्ति प्रक्रिया पर अब विवाद गहराता जा रहा है और विपक्ष भी हमलावर तेवर में है।
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने आज उपराज्यपाल नजीबजंग को आगाह किया कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के संचालन में गम्भीर भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे विधायक अमानतुल्ला खान को बोर्ड का अध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया है।
उन्होंने कहा कि उनके उपर सीबीआई द्वारा अपराधिक भ्रष्टाचार के गम्भीर मामलों की जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक जल्द ही उपराज्यपाल से मिलकर यह सुनिश्चित करने की मांग करेंगे कि खान पर लगे आरोपों को देखते हुए, उन्हें बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त न किया जाए। उन्होंने आशंका व्यक्त करी कि यदि उन्हें अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है तो वे सीबीआई द्वारा चल रही जांच को प्रभावित करेंगे।
विपक्ष के नेता ने कहा कि खान के उपर आरोप है कि उन्होंने अपने नज़दीकी लगभग 22 रिश्तेदारों को बोर्ड में गलत तरीके से नियुक्तियां दी। ये नियुक्तियां निर्धारित प्रक्रिया को ताक पर रखकर की गई । उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र में गैरजिम्मेदाराना तरीके से विधवा पेन्शन और अन्य लाभ वितरित किये । उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने नए किरायेदारों की रसीद काटने के लिए भारी भ्रष्टाचार किया । बोर्ड के लिए गलत तरीके से 27 लाख रुपये की खरीद की गई ।
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि खान को बोर्ड का सदस्य चुन लिया गया है । चुने हुए तीन सदस्यों में से ही बोर्ड के अध्यक्ष को नियुक्त किया जाता है । शेष दो सदस्य वक्फ बोर्ड के प्रबन्धकों, बार काउंसिल सदस्यों तथा सांसदों में से चुने जाते हैं। अभी तक जो प्रथा रही है, उसके अनुसार चुना हुआ विधायक ही बोर्ड का अध्यक्ष बनता है। इसको देखते हुए यह निश्चित है कि वर्तमान स्थिति के अनुसार खान ही बोर्ड के अध्यक्ष नियुक्त किये जाएंगे।


