कानपुर के अपहृत पैथोलॉजी कर्मी संजीत यादव की हत्या पर विपक्ष ने उठाए सवाल
उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक महीने पहले लैब टेक्नीशियन का अपहरण और हत्या को लेकर विपक्ष ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सरकार को घेरा है।

कानपुर | उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक महीने पहले लैब टेक्नीशियन का अपहरण और हत्या को लेकर विपक्ष ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सरकार को घेरा है। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्विटर के माध्यम से लिखा, "उप्र में कानून व्यवस्था दम तोड़ चुकी है। आम लोगों की जान लेकर अब इसकी मुनादी की जा रही है। घर हो, सड़क हो, ऑफिस हो कोई भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता। विक्रम जोशी के बाद अब कानपुर में अपहृत संजीत यादव की हत्या। खबरों के मुताबिक।"
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि "पुलिस ने किडनैपर्स को पैसे भी दिलवाए और अब उनकी हत्या कर दी गई। एक नया गुंडाराज आया है। इस जंगलराज में कानून-व्यवस्था गुंडों के सामने सरेंडर कर चुकी है।"
...पुलिस ने किडनैपर्स को पैसे भी दिलवाए और अब उनकी हत्या कर दी गई।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 24, 2020
एक नया गुंडाराज आया है।
इस जंगलराज में कानून-व्यवस्था गुंडों के सामने सरेंडर कर चुकी है। 2/2
समाजवादी पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा, "कानपुर से 22 जून को अपहृत युवक संजीत यादव की हत्या समूची कानून व्यवस्था की हत्या है! 1 महीने से निष्क्रिय सरकार का भ्रष्ट तंत्र सिर्फ विपक्षियों को फंसाने के लिए? अपराधियों को पकड़ने के लिए मुख्यमंत्री ने क्या रणनीति बनायी? एकलौते पुत्र को खोने वाले पीड़ित परिवार को मिले मुआवजा।"
कानपुर से 22 जून को अपहृत युवक संजीत यादव की हत्या समूची कानून व्यवस्था की हत्या है! 1 महीने से निष्क्रिय सरकार का भ्रष्ट तंत्र सिर्फ विपक्षियों को फंसाने के लिए? अपराधियों को पकड़ने के लिए मुख्यमंत्री ने क्या रणनीति बनायी? एकलौते पुत्र को खोने वाले पीड़ित परिवार को मिले मुआवजा। pic.twitter.com/1XVe5lNB1U
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) July 24, 2020
ज्ञात हो कि कानपुर के बर्रा से 22 जून को लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का अपहरण फिरौती के लिए उसके दोस्त ने साथियों के साथ मिलकर किया था। 26 जून को उसकी हत्या कर लाश पांडु नदी में फेंक दी थी। बृहस्पतिवार रात पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दोस्त कुलदीप, रामबाबू समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
लैब टेक्नीशियन के रिश्तेदार का दावा है कि उन्होंने अपहरणकतार्ओं को 30 लाख रुपये की फिरौती दी है। लेकिन आईजी कानपुर रेंज मोहित अग्रवाल का कहना है कि अब तक की जांच के अनुसार हमने पाया कि कोई फिरौती की राशि नहीं दी गई है, फिर भी हम सभी एंगल से मामले की जांच कर रहे हैं।
एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि बर्रा से अपहरण किए गए युवक की 23 जून को गुमशुदगी लिखी गई थी। इसके बाद 26 जून को उसे एफआईआर में तब्दील किया गया था। परिजनों के पास 29 जून को फिरौती के लिए कॉल आया था। सर्विलांस और क्राइम ब्रांच की टीमों को लगाया गया था।
पुलिस टीम के द्वारा कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। संजीत के दो खास दोस्त थे, ये दोस्त संजीत के साथ अन्य पैथोलॉजी में काम कर चुके हैं। उनके द्वारा कबूला गया है कि 26 या 27 जून को ही मर्डर किया है, इसके बाद पांडू नदी में शव को फेंक दिया गया है। शव की तलाश की जा रही है।


