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विपक्ष ने 'इंडिया' के लिए पेश किया एजेंडा, मोदी सरकार की नीति पर उठाए गंभीर सवाल

सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ 26 विपक्षी दलों के नए गुट 'इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्ल्युसिव एलायंस' (इंडिया- आईएनडीआईए) ने देश के सामने एक वैकल्पिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा पेश करने का संकल्प लिया

विपक्ष ने इंडिया के लिए पेश किया एजेंडा, मोदी सरकार की नीति पर उठाए गंभीर सवाल
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बेंगलुरु। सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ 26 विपक्षी दलों के नए गुट 'इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्ल्युसिव एलायंस' (इंडिया- आईएनडीआईए) ने मंगलवार को देश के सामने एक वैकल्पिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा पेश करने का संकल्प लिया।

बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक में सभी दलों ने इस एजेंडे पर हस्ताक्षर किए। पार्टियों के संयुक्त बयान में कहा गया है, ''हम शासन के सार और शैली दोनों को बदलने का वादा करते हैं जो अधिक परामर्शात्मक, लोकतांत्रिक और भागीदारीपूर्ण होगी। हम, भारत की 26 प्रगतिशील पार्टियों के अधोहस्ताक्षरी नेता, संविधान में निहित भारत के विचार की रक्षा के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हैं।

भाजपा योजनाबद्ध तरीके से हमारे गणतंत्र पर गंभीर हमला कर रही है। हम अपने देश के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। भारतीय संविधान के मूलभूत स्तंभों धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र, आर्थिक संप्रभुता, सामाजिक न्याय और संघवाद को व्यवस्थित और खतरनाक ढंग से कमजोर किया जा रहा है।

हम संविधान और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों के संवैधानिक अधिकारों पर लगातार हो रहे हमले का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी राजनीति के संघीय ढांचे को जानबूझकर कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है।

गैर-बीजेपी शासित राज्यों में राज्यपालों और एलजी की भूमिका सभी संवैधानिक मानदंडों से अधिक हो गई है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ भाजपा सरकार द्वारा एजेंसियों का बेधड़क दुरुपयोग हमारे लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है। केंद्र द्वारा गैर भाजपा शासित राज्यों की वैध जरूरतों, आवश्यकताओं और अधिकारों को सक्रिय रूप से नकारा जा रहा है।

मणिपुर को लेकर कहा गया कि हम उस मानवीय त्रासदी पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं जिसने मणिपुर को नष्ट कर दिया है। प्रधानमंत्री की चुप्पी चौंकाने वाली और अभूतपूर्व है। मणिपुर को शांति और सुलह के रास्ते पर वापस लाने की तत्काल जरूरत है।

संयुक्त बयान में यह भी कहा गया कि विपक्षी गुट जरूरी वस्तुओं की लगातार बढ़ती कीमतों और रिकॉर्ड बेरोजगारी के गंभीर आर्थिक संकट का सामना करने के हमारे संकल्प को मजबूत करता है।

नोटबंदी अपने साथ एमएसएमई और असंगठित क्षेत्रों के लिए अनकहा दुख लेकर आई, जिसके परिणामस्वरूप हमारे युवा बड़े पैमाने पर बेराजगार हुए। हम पसंदीदा मित्रों को देश की संपत्ति की अंधाधुंध बिक्री का विरोध करते हैं।

किसान और खेत मजदूर के कल्याण को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए। संयुक्त बयान में नफरत की राजनीति को रोकने और जाति जनगणना कराने की भी मांग की गई है।

बयान में कहा गया कि हम अल्पसंख्यकों के खिलाफ पैदा की जा रही नफरत और हिंसा को हराने के लिए एक साथ आए हैं। हम महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और कश्मीरी पंडितों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए सभी सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों के लिए निष्पक्ष सुनवाई की मांग करते हैं और पहले कदम के रूप में जाति जनगणना लागू करें।

हम अपने साथी भारतीयों को टारगेट करने, सताने और दबाने की भाजपा की साजिश से लड़ने का संकल्प लेते हैं। उनके नफरत के जहरीले अभियान ने सत्तारूढ़ दल और उसकी विभाजनकारी विचारधारा का विरोध करने वाले सभी लोगों के खिलाफ भयानक हिंसा को जन्म दिया है। भारतीय इतिहास का पुनर्निमाण और पुनर्लेखन करके सार्वजनिक चर्चा को दूषित करने की भाजपा की बार-बार की कोशिशें सामाजिक सद्भाव का अपमान हैं।


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