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विपक्षी गठबंधन सांसद आज से दो दिवसीय मणिपुर दौरे पर, जानेंगे हिंसा पीड़ितों के हाल

मणिपुर हिंसा मामले पर संसद के दोनों सदनों में रोजाना बहस देखने को मिल रही है

विपक्षी गठबंधन सांसद आज से दो दिवसीय मणिपुर दौरे पर, जानेंगे हिंसा पीड़ितों के हाल
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नई दिल्ली। मणिपुर हिंसा मामले पर संसद के दोनों सदनों में रोजाना बहस देखने को मिल रही है। इस कारण प्रतिदिन लोकसभा की कार्यवाही स्थगित की जा रही है। शुक्रवार यानी 28 जुलाई को भी संसद में गतिरोध जारी रहा। विपक्षी दलों के हंगामे और नारेबाजी के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही को 31 जुलाई यानी सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस बीच आपको बता दें कि आज विपक्षी दल INDIA के नेता मणिपुर यात्रा पर जाने वाले हैं। यहां विपक्षी दल के नेता मणिपुर हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात करेंगे साथ ही राज्य में हालात का जायजा लेंगे।

विपक्षी दलों के नेताओं का यह दो दिवसीय दौरा होगा जो रविवार तक जारी रहेगा। विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई और फूलोदेवी नेताम, जेडीयू के राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह एव अनिल हेगड़े, तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माजी, डीएमके की कनिमोई, एनसीपी के पीपी मोहम्मद फैजल, आरएलडी के जयंत चौधरी, राजद के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के प्रेमचंद्रन और वीसीके पार्टी के टी थिरुमावलवन शामिल रहेंगे। साथ ही शिवसेना यूबीटी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी के प्रतिनिध भी इस दौरे पर जाएंगे।

बता दें, कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि 16 पार्टियों के 20 विपक्षी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा करेगा और वहां जमीनी स्थिति का आंकलन करेगा।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “विपक्ष ने मणिपुर में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया है। इंडिया की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि 20 सांसद मणिपुर का दो दिवसीय दौरा करेंगे और पहाड़ी क्षेत्र तथा घाटी क्षेत्र में जाकर लोगों से मिलेंगे। वे संदेश देंगे कि हम उनके साथ खड़े हैं।”

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर लोकसभा और राज्यसभा में संबंधित नियम, 184 और 267 के तहत संसद में चर्चा की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाया। कांग्रेस सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष की लगातार मांग के बावजूद संसद के अंदर मणिपुर हिंसा पर बात नहीं की है।

उन्‍होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल को वहां भेजने के विपक्ष के फैसले से संसद की ओर से मणिपुर के प्रभावित लोगों को यह संदेश जाएगा कि उनकी दुर्दशा को लेकर लोग चिंतित हैं और विपक्षी सांसद उनसे मिलने आए हैं।

हुसैन ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने मणिपुर की राज्यपाल से भी समय मांगा है और रविवार सुबह वह उनसे मुलाकात करेंगे।

उन्‍होंने कहा, “सदस्य अपने निष्कर्षों पर संसद में चर्चा करना चाहेंगे। लेकिन अगर संसद के अंदर चर्चा की अनुमति नहीं दी गई तो वे मणिपुर या दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे।''

कांग्रेस नेता ने मणिपुर में चल रही हिंसा, हत्याओं, बलात्कार और जातीय सफाए पर भी प्रकाश डाला। उन्‍होंने सार्वजनिक सभाओं को संबोधित करने में व्‍यस्‍त प्रधानमंत्री की मणिपुर के लिए समय नहीं निकालने के लिए आलोचना की।

उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री के पास मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे चुनाव वाले राज्यों का दौरा करने और विपक्षी नेताओं को बदनाम करने के लिए पूरा समय है, लेकिन उनके पास मणिपुर के लोगों के लिए शब्द नहीं हैं।"

प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा और राज्यसभा के कई सांसद हैं। इनमें अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, राजीव रंजन सिंह, सुष्मिता देव, कनिमोझी करुणानिधि, संदोश कुमार, ए.ए. रहीम, मनोज कुमार झा, जावेद अली खान, महुआ माजी, पी.पी. मोहम्मद फैजल, अनिल प्रसाद हेगड़े, ई.टी. मोहम्मद बशीर, एन.के. प्रेमचंद्रन, सुशील गुप्ता, अरविंद सावंत, डी. रविकुमार, थिरु थोल थिरुमावलवन, जयंत सिंह और फूलो देवी नेताम शामिल होंगी।


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