उप्र विधानसभा में मुख्यमंत्री के भाषण पर विपक्ष ने की आपत्ति
उत्तर प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण को लेकर सपा, कांग्रेस और बसपा समेत समूचे विपक्ष ने आपत्ति जताई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण को लेकर सपा, कांग्रेस और बसपा समेत समूचे विपक्ष ने आपत्ति जताई। विपक्ष मांग कर रहा था कि मुख्यमंत्री द्वारा मंगलवार को अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान दिए गए भाषण में जो असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया गया है, उन्हें सदन की कार्यवाही से निकाल दिया जाए। इस विषय पर विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है।
सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने कहा कि कल मुख्यंत्री ने जो भाषण दिया है, उसमें कुछ असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे शब्द विधानसभा की गरिमा के अनुकूल नहीं है। चौधरी ने कहा कि ऐसे असंसदीय शब्दों को विपक्ष के आग्रह पर सदन की कार्यवाही से बाहर निकाल दिया जाए।
विधानसभा में बसपा के नेता लालजी वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में व्यक्ति और पार्टी की तुलना जानवर से की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के भाषण से असंसदीय शब्दों को सदन की कार्यवाही से बाहर निकाल दिया जाए।
विधानसभा में कांग्रेस के नेता अजय कुमार 'लल्लू' ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिस तरह से अपने भाषण में अससंदीय भाषा का प्रयोग किया है, वह निश्चित रूप से उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि जो भाषा सड़क पर हो वह सदन में नहीं होनी चाहिए। भाषण से असंसदीय शब्दों को सदन की कार्यवाही से बाहर निकाल दिया जाए।
मुख्यमंत्री के भाषण पर समूचे विपक्ष की आपत्ति पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सभी ने मुख्यमंत्री के भाषण को सुना है। उनके भाषण में किसी प्रकार के असंसदीय शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व की सरकारों में भी ऐसे बहुत से उदाहरण दिये जाते रहे हैं जो गरिमा के अनुकूल नहीं थे, लेकिन वह असंसदीय शब्द नहीं थे, जिन्हें कार्यवाही से निकाला गया हो। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में किसी व्यक्ति को लेकर कोई अससंदीय भाषा का प्रयोग नहीं किया है। सीएम ने किसी का नाम नहीं लिया है।
सपा के पारसनाथ यादव ने कहा कि बड़े ही भाग्य से उन्हें मुख्यमंत्री का पद मिला है, लेकिन अनुभवहीनता के कारण यह स्थिति बनी है। मुख्यमंत्री की अनुभवहीनता की बात पर सत्तापक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे। हालांकि पीठ ने उन्हें शांत करा दिया।
सभी सदस्यों को सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष दीक्षित ने कहा कि औचित्य के प्रश्न की तरह यह विषय यहां आया है। उन्होंने कहा, "इस विषय पर वार्ता करूंगा। इस विषय पर मैं अपना निर्णय सुरक्षित रखता हूं।"


