संसद में विपक्ष ही चर्चा से भागता रहा है : भाजपा
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि सरकार नहीं विपक्ष ही संसद में चर्चा से भागता रहा है

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संसद के शीत कालीन सत्र के आयोजन को लेकर सरकार के चर्चा से भागने के कांग्रेस के आरोपों पर आज पलटवार करते हुए उसे चुनौती दी कि अगर वह वचन दे कि पार्टी की वर्तमान अध्यक्ष एवं भावी अध्यक्ष तथा अन्य शीर्ष नेता सुबह से लेकर शाम तक सदन में बैठे रहेंगे और चुनाव प्रचार में नहीं जाएंगे तो सरकार शीतकालीन सत्र तुरंत बुलाने पर गंभीरता से विचार करेगी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि सरकार नहीं विपक्ष ही संसद में चर्चा से भागता रहा है। नोटबंदी, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर जब जब चर्चा कराने की कोशिश की गई तो जब सत्ता पक्ष ने तथ्य सामने रखे, तब तब कांग्रेस के नेता वाक आउट करके मुंह छिपाते रहे।
उन्होंने कहा, “वे आज फिर यही कह रहे हैं कि संसद में चर्चा से रोका जा रहा है। पर जीएसटी, नोटबंदी पर श्री राहुल गांधी रोज रुदन राग गुजरात में चल रहा है।” उन्होंने चुनौती दी कि अगर कांग्रेस वचन दे कि उनकी पार्टी की वर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं भावी अध्यक्ष राहुल गांधी तथा अन्य शीर्ष नेता सुबह से लेकर शाम तक सदन में बैठेंगे और चुनाव प्रचार में नहीं जाएंगे तो सरकार शीतकालीन सत्र तुरंत बुलाने पर गंभीरता से विचार करेगी।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र के बारे में फैसले के संदर्भ में श्री मोदी को ब्रह्मा बताए जाने पर श्री प्रसाद ने गहरी नाराज़गी व्यक्त की और कहा कि श्री खड़गे का आध्यात्मिक चिंतन सुनकर समझ में आया कि उनकी पार्टी में दैवीयता और ईश्वर प्रदत्त अधिकारों के कारण उन्हें यह इल्हाम हुआ है। भाजपा में बूथ स्तर का कार्यकर्ता अध्यक्ष बन सकता है और कांग्रेस में कोई केन्द्रीय नेता सपने में भी यह नहीं सोच सकता है।
उन्होंने कहा कि श्री मोदी नवीन उदीयमान भारत के रचनाकार यानी ब्रह्मा हैं। वह ब्रह्मा नहीं, प्रधानसेवक के रूप में ईमानदारी से शासन चला कर भारत को वैश्विक पटल पर आगे ले रहे हैं। ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस में 30 अंकों की छलांग और मूडीज की रेटिंग के बाद अंतर्राष्ट्रीय अदालत में भारत के न्यायमूर्ति दलबीर भंडारी की जीत देश की बढ़ती साख का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि भारतीय अध्यात्म में सर्जक के साथ साथ विध्वंसक की भी कल्पना है। आपातकाल लगा कर लोकतंत्र एवं लोकतांत्रिक संस्थाओं के विध्वंस का काम किसने किया, सब जानते हैं। उस वक्त लोकसभा का कार्यकाल एक साल बढ़ा कर छह साल किया गया था।


