विपक्ष ने किया सदन से बहिर्गमन ,कार्यवाही आधे घंटे स्थगित
उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के कल दिये भाषण से आहत संपूर्ण विपक्ष ने आज सदन की कार्रवाई का बहिष्कार किया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के कल दिये भाषण से आहत संपूर्ण विपक्ष ने आज सदन की कार्रवाई का बहिष्कार किया।
कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी सदस्यों के बहिर्गमन के कारण अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे स्थगित कर दी।
सदन में आज कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के लोग विपक्ष को बोलने का मौका नही देते। सरकार हर मोर्चे पर विफल है और विपक्ष को निशाना बनाकर हमला कर रही है। विपक्ष सदन को चलाने के पक्ष में है। सरकार ने कोई काम नहीं किया और जवाब देने में असफल भाजपा के मंत्री सदन की कार्यवाही में व्यवधान डाल रहे हैं।
बहुजन समाज पार्टी के नेता लालजी वर्मा ने कहा कि सत्तारूढ सदस्य विपक्ष काे सदन में अपनी बात रखने नही देते है।
विपक्ष के बोलने पर हंगामा शुरू कर देते है। इसके साथ ही विपक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कल के भाषण से आहत दिखा। इसकी वजह से विपक्ष सदन से उठकर चला गया।
संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने दावा किया कि सरकार हमेशा सदन को साफ सुथरे ढंग से चलाने के लिए कृतसंकल्प है।
इसके लिये विपक्षी दलों के साथ अापसी बातचीत भी करती है जिससे प्रदेश के विकास में किसी प्रकार का व्यवधान न पहुंचे।
उन्होंने कहा कि जिसमें जनता की भलाई जुडी हो उन कार्यों में विपक्ष को किसी प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराने के लिये हरसमय तैयार हैं। उन्होने कहा सदन में विपक्ष ने आज अपनी बात रखी लेकिन सत्तापक्ष का जवाब नही सुना ।
यह प्रदेश की जनता के साथ अन्याय हैै।
सदन में विपक्ष का सम्मान किया जाता है और उन्हें अपनी बात रखने का विधानसभा अध्यक्ष पूरा मौका भी देते है।
श्री खन्ना ने कहा कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने सदन में किसी का नाम नही लिया जिससे कोई आहत हो।
विपक्ष को सच को स्वीकार करना चाहिए। उन्होने हिम्मत से सच बात कही।
इस बीच विपक्ष के सदन का बहिर्गमन करने के बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिये स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि श्री योगी ने कल के भाषण में अखिलेश राज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो से कराने की घोषणा की थी।
श्री चौधरी का आरोप था कि नेता सदन का भाषण पूरा होने के बाद परम्परा के अनुसार वह कुछ कहने उठे थे कि उनके माइक की आवाज बंद कर दी गयी। विपक्ष उसके बाद से ही सरकार से नाराज था।


