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निजी स्कूलों को एक्सटैंशन लैटर जारी न किए जाने पर बिफरे संचालक, करेंगे आंदोलन

हरियाणा निजी स्कूल संघ ने राज्य के 3200 अस्थायी स्कूलों को एक्सटैंशन लैटर जारी न किए जाने पर कड़ा रोष जताते हुये आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

निजी स्कूलों को एक्सटैंशन लैटर जारी न किए जाने पर बिफरे संचालक, करेंगे आंदोलन
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जींद । हरियाणा निजी स्कूल संघ ने राज्य के 3200 अस्थायी स्कूलों को एक्सटैंशन लैटर जारी न किए जाने पर कड़ा रोष जताते हुये आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू की अध्यक्षता में आज यहां हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि इस मांग को लेकर संघ अब राज्य के सभी विधायकों को ज्ञापन सौंपेंगे और मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से मिलकर उनके समक्ष भी अपनी मांग रखेंगे। उन्होंने कहा कि अगर बातचीत असफल रहती है और सरकार का दृष्टिकोण नकारात्मक रहा तो हरियाणा निजी ट स्कूल संघ संघर्ष का बिगुल फूंक देगी।

श्री कुंडू ने कहा कि सरकार के अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों को एक्सटैंशन लैटर जारी न करने से लगभग साढ़े छह लाख छात्रों के भविष्य पर तलवार लटकी हुई है। 29 अक्टूबर को फार्म भरने की अंतिम तिथि जा चुकी है ऐसे हालात में हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा दिशा निर्देश न मिलने के कारण अभी तक अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों के छात्रों के फार्म नहीं भरे गये हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2014 के अपने घोषणापत्र में इस बारे में उल्लेख किया था। इससे पहले की सरकारें भी हर वर्ष इन स्कूलों को एक्सटैंशन देती रही हैं। उन्होंने हैरानी जताई कि 134ए के तहत छात्रों के दाखिले अस्थायी स्कूलों में करा दिए गए। उन स्कूलों से स्पोर्टस फंड भी जमा कराया गया लेकिन एक्सटैंशन लैटर जारी करने में विलम्ब किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि ऐसे अनेक स्कूल हैं जो दो या ढाई दशक से लगातार चल रहे हैं लेकिन नियमों के चलते थोड़ी सी दिक्कत है। नियमों के सरलीकरण को लेकर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से बातचीत हुई थी। उन्होंने उच्च न्यायालय में जाने की सलाह दी थी। गत 16 अक्टूबर को उच्च न्यायालय ने कहा था कि इस बारे में फैसला सरकार को लेना है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ऩे वाले बच्चों पर प्रति छात्र पर अढ़ाई हजार रुपये खर्च कर रही है। जबकि निजी स्कूलों को 300 से 350 रुपये प्रति छात्र 134ए के तहत दे रही है। निजी स्कूलों की बसों पर तीन हजार से लेकर 11 हजार रुपये तक का टैक्स थोपा गया है जो इन स्कूलों में पढ़ऩे वाले छात्रों के अभिभावकों की जेब पर भारी पड़ रहे हैं। उन्होंने सरकार से उसके साथ हुआ समझौता तुरंत लागू करने, मान्यता नियमों का सरलीकरण करने तथा तत्काल एक्सटैंशन लैटर जारी करने की मांग की।

श्री कुंडू के अनुसार शनिवार को संघ की जिला कार्यकारिणी अपने-अपने इलाके के विधायकों को ज्ञापन सौंपेंगी। जबकि प्रदेश कार्यकारिणी मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से मिलेगी और एक्सटैंशन लैटर के साथ नियमों के सरलीकरण मुद्दे पर बातचीत करेगी। उन्होंने साफ कहा कि अगर बात सिरे नहीं चढ़ती तो संघ संघर्ष का बिगुल फूंक देगा।


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