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पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगार जब तक मारे नहीं जाते, ऑपरेशन सिंदूर अधूरा: संजय राउत

शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर तब तक पूरा नहीं माना जाएगा, जब तक पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगार आतंकियों का सफाया नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि हमले के दोषियों को मौत की सजा मिलनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को भी कठघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल पूछे

पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगार जब तक मारे नहीं जाते, ऑपरेशन सिंदूर अधूरा: संजय राउत
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मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर तब तक पूरा नहीं माना जाएगा, जब तक पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगार आतंकियों का सफाया नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि हमले के दोषियों को मौत की सजा मिलनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को भी कठघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल पूछे।

मीडिया से बातचीत में राउत ने पहलगाम के गुनहगारों का जिक्र किया। बोले, "22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने हमारी माताओं और बहनों का सिंदूर उजाड़ दिया। 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या की गई। हमारे मन में एक सवाल बना हुआ है कि जिन आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया, वे कहां गए। सरकार ने उनके खिलाफ क्या किया?"

संजय राउत ने आगे कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार ने पाकिस्तान को जवाब दिया। कुछ दिन दोनों देशों के बीच तनाव भी रहा। लेकिन, फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एंट्री से सीजफायर की घोषणा हुई। अब ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार सांसदों को विदेश यात्रा पर भेज रही है। अच्छी बात है, भेजा जाना चाहिए। लेकिन, एक माह पहलगाम आतंकी हमले को चुके हैं। एक सवाल का जवाब तो केंद्र सरकार को देना चाहिए कि वे आतंकवादी कहां गए, जिन्होंने पहलगाम में हमारे निर्दोष लोगों की हत्या की।

उन्होंने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर तब तक पूरा नहीं होगा, जब तक 6 आतंकवादियों का पूरी तरह से खात्मा नहीं हो जाता।

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब करने के लिए भारत से विदेश भेजे जा रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पर कांग्रेस के विरोध पर उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदारी भी सरकार पर ही है। सरकार ने जिस तरीके से यह प्रतिनिधिमंडल गठित किया है, वह एक तरह से विपक्ष में फूट डालने की कोशिश है। उनकी मंशा साफ नहीं है, वे आतंकवाद से लड़ना ही नहीं चाहते। वह आज भी इस बहाने देश के विपक्ष से लड़ रहे हैं, उनमें दरार डाल रहे हैं।

बता दें कि भारत सरकार की ओर से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों को शामिल किया गया है, जो विदेश में जाकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।


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