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‘ऑपरेशन सिंदूर’ में जल, थल, वायु और साइबर सहित सभी डोमेन का समावेश

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े महत्वपूर्ण अनुभव देश के पूर्व सैनिकों और सामरिक विचारकों (थिंक टैंक) के साथ साझा किए गए हैं। नई दिल्ली में पूर्व सैनिकों और थिंक टैंक के साथ एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह भी मौजूद रहे

‘ऑपरेशन सिंदूर’ में जल, थल, वायु और साइबर सहित सभी डोमेन का समावेश
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नई दिल्ली। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े महत्वपूर्ण अनुभव देश के पूर्व सैनिकों और सामरिक विचारकों (थिंक टैंक) के साथ साझा किए गए हैं। नई दिल्ली में पूर्व सैनिकों और थिंक टैंक के साथ एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह भी मौजूद रहे। यहां ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च नेतृत्व के दृष्टिकोण से जानकारी साझा की गई।

गौरतलब है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेनाओं द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बड़े स्तर पर आतंकवादियों का खात्मा किया गया है। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक इस अभियान के माध्यम से यह स्पष्ट हुआ कि त्रिसेवा (आर्मी, एयरफोर्स व नेवी) के समन्वय और संयुक्तता को रणनीतिक मार्गदर्शन के माध्यम से कैसे सशक्त बनाया जा सकता है। ऑपरेशन सिंदूर ने नए युग के बहु-क्षेत्रीय यानी मल्टी डोमेन सैन्य अभियानों के सफल संचालन को दर्शाया है। इसमें थल, जल, वायु और साइबर सहित सभी डोमेन का कुशलता से समावेश किया गया।

सैन्य अधिकारियों के मुताबिक इस अभियान की सफलता का श्रेय सशस्त्र बलों के बीच अभूतपूर्व एकजुटता, परस्पर सहयोग और तकनीकी समन्वय को जाता है। यह संयुक्तता केवल संचालन के स्तर पर नहीं, बल्कि योजना, संचार और निर्णय-निर्माण की हर परत में स्पष्ट रूप से दिखाई दी। सेना के वरिष्ठतम अधिकारियों ने इस अभियान के अनुभवों को पूर्व सैनिकों और सामरिक विचारकों (थिंक टैंक) के साथ साझा किया, जिससे भविष्य के सैन्य अभियानों के लिए महत्वपूर्ण सबक और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। यह परिचर्चा भारतीय सशस्त्र बलों के रणनीतिक दृष्टिकोण, संयुक्तता की दिशा में उठाए गए कदमों, और भविष्य की चुनौतियों के लिए उनकी तैयारियों को उजागर करती है।

सैन्य बलों का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर भारतीय रक्षा इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में उभरा है, जो न केवल सैन्य शक्ति का प्रतीक है, बल्कि त्रिसेवा एकता और तकनीकी नवाचार की दिशा में एक आदर्श उदाहरण भी है। इससे पहले सेना की रक्षा खुफिया एजेंसी (डीआईए) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा ने 70 देशों के रक्षा अताशे व विदेशी सेवा अधिकारियों को ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की सफलता के बारे में विस्तार से जानकारी दी थी। मंगलवार को दिल्ली में इन विदेशी अधिकारियों को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन भारत की सैन्य श्रेष्ठता और नई पीढ़ी के युद्ध कौशल के माध्यम से राष्ट्र की शक्ति और संकल्प का प्रतीक बन गया है। इससे भारत-पाकिस्तान संबंधों में नए मानदंड स्थापित हुए हैं।


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