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ऑपरेशन सिंदूर: '30 लाख सैनिक के पीछे, 150 करोड़ हिंदुस्तानी', भाजपा ने जारी किया देशभक्ति गीत

दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना के द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पूरे देश में गर्व की भावना भर दी है

ऑपरेशन सिंदूर: 30 लाख सैनिक के पीछे, 150 करोड़ हिंदुस्तानी, भाजपा ने जारी किया देशभक्ति गीत
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नई दिल्ली। दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना के द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पूरे देश में गर्व की भावना भर दी है। इस साहसिक अभियान को सलाम करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सैनिकों के सम्मान में एक देशभक्ति गीत जारी किया है।

इसे पार्टी के सांसद और लोकप्रिय गायक मनोज तिवारी ने स्वर दिया है। गाने के बोल हैं: “30 लाख सैनिक के पीछे, 150 करोड़ हिंदुस्तानी, नाप देंगे जब चाहेंगे, दुश्मन में कितना है पानी!”

भाजपा ने इस गीत का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, “30 लाख सैनिक के पीछे 150 करोड़ हिंदुस्तानी, नाप देंगे जब चाहेंगे, दुश्मन में कितना है पानी! निशानी देख लो, ये निशानी… कहानी हो गई है, शुरू कहानी! ऑपरेशन सिंदूर जारी है।”

बता दें कि 22 अप्रैल को आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष लोगों पर घातक हमला किया था, जिसमें 26 नागरिकों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। हमले के पहले आतंकियों ने धर्म पूछा फिर लोगों को मौत के घाट उतारा। मृतकों में बड़ी संख्या में पर्यटक शामिल थे। इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद भारतीय सेना ने आतंकियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की।

सेना की इस जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में मौजूद कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसमें मसूद अजहर के जैश-ए-मोहम्मद और हाफिज सईद के जमात-उद-दावा के आतंकी शिविर भी शामिल थे।

वहीं, पाकिस्तानी सेना ने जवाबी हमले के प्रयास में भारत पर ड्रोन और मिसाइलें दागीं, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों जैसे आकाशतीर और एस-400 ने उन्हें हवा में ही नष्ट कर दिया। इसके बाद भारत ने कड़ा पलटवार करते हुए पाकिस्तान के नौ वायुसेना ठिकानों को तबाह कर दिया।

इस सख्त सैन्य कार्रवाई से घबराई पाकिस्तानी सेना ने संघर्षविराम की अपील की। पाकिस्तानी डीजीएमओ ने भारतीय समकक्ष से संपर्क कर तनाव समाप्त करने का प्रस्ताव रखा, जिस पर दोनों देशों ने अस्थायी युद्धविराम पर सहमति जताई।

भारत ने अपनी सैन्य कार्रवाई के प्रमाण भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने प्रस्तुत किए, जिससे यह साफ हो गया कि भारत की जवाबी कार्रवाई सिर्फ आत्मरक्षा नहीं, बल्कि आतंक के ठिकानों को जड़ से खत्म करने की निर्णायक नीति का हिस्सा थी।


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