क्षेत्र में अवैध ईंट भट्टों का संचालन धड़ल्ले से
अनूपपुर जिला के अन्तिम छोर पर बसे राजनगर कोयलांचल अर्न्तगत रेउदा, सेमरा, फुलकोना, बनगवां भलमुडी रामनगर सहित अन्य जगहों पर सैकड़ों अवैध ईट भट्टो का संचालन चोरी के कोयले से किया जा रहा है

मनेन्द्रगढ़। अनूपपुर जिला के अन्तिम छोर पर बसे राजनगर कोयलांचल अर्न्तगत रेउदा, सेमरा, फुलकोना, बनगवां भलमुडी रामनगर सहित अन्य जगहों पर सैकड़ों अवैध ईट भट्टो का संचालन चोरी के कोयले से किया जा रहा है।
इन ईट भट्ठा संचालकों को शासन प्रशासन का किसी प्रकार का कोई भय नही है। प्रशासन द्वारा कोई भी कार्यवाही न करने से जहां शासन को लाखों की राजस्व हानि हो रहा है तो भट्ठो से निकलने वाले राखड़ एवं धुंआ से पूरी कालोनी प्रदूषित होती है। इन अवैध ईट भटठो में चोरी का कोयला खपाया जाता है। जिसके कारण क्षेत्र में अपराधियांे की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
वही सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि उक्त अवैध कार्य के संचालन में प्रतिबंध लगाने हेतु खनिज विभाग, राजस्व विभाग एवं पुलिस प्रशासन तीनो कार्यवाही कर सकते हैं फिर भी उक्त कार्य धडल्ले से बेखौफ रूप से चल रहा है। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र के कुछ रसूखदार लोग अनुसूचित जाति के लोगो को अपना मोहरा बनाकर अवैध भटठो का संचालन करते है। जिसमें सबसे बड़ी सच्चाई यह है कि अनुसूचित जाति के लोग ईट भटठो का निर्माण तो कर सकते हैं किन्तु क्या वह इन भटठो में अवैध चोरी का कोयला उपयोग कर सकते है।
सभी भटठा संचालक भट्ठो में 40/50 रूपये प्रति बोरी प्रतिशत चोरी के कोयला का उपयोग करते है। वहीं ईट भटठो के संचालन के लिये लीज लेना अनिवार्य है। और
जो एेसा नहीं करता है उसके खिलाफ धरपकड़ करने को भी निर्देशित किया गया है। वहीं नए प्रावधान के तहत अनुसूचित जाति एवं कुम्हार जाति में आने वाले इटा भटठा संचालको को भी लीज लेनी होगी।
ईंट भट्ठा संचालको को मिट्टी खुदाई के लिए खनिज विभाग से लीज लेनी होगी। किन्तु जांच किया जाए तो क्षेत्र में सैकड़ो ईट भट्ठा संचालित है किन्तु ना किसी के पास लीज है और ना ही कोई शासन को रायल्टी प्रदान करता है। फिर भी इन क्षेत्रो में इटा भट्ठो का अवैध संचालन बेखौफ रूप से किया जा रहा है और प्रशासन अपनी आखों में पट्टी बाधे हुए है।


