मात्र 50 मीटर पाइप लगाने से 100 एकड़ खेत होंगे सिंचित
एसईसीएल के सुराकछार बल्गी परियोजना खदान से बेकार बह रहे पानी का बमुश्किल 50 मीटर पाईप लगाकर बहाव सुनिश्चित कराने से कम से कम 100 एकड़ खेतों को सिंचाई की सुविधा मिल जाएगी

किसानों को दो फसल का लाभ
बलगी परियोजना के बेकार बह रहे पानी पर कराया गया ध्यानाकर्षण
कोरबा-सुराकछार। एसईसीएल के सुराकछार बल्गी परियोजना खदान से बेकार बह रहे पानी का बमुश्किल 50 मीटर पाईप लगाकर बहाव सुनिश्चित कराने से कम से कम 100 एकड़ खेतों को सिंचाई की सुविधा मिल जाएगी। खदान के इस बेकार पानी से खेत सिंचित हुए तो इस क्षेत्र के किसान दो फसल का लाभ लेकर अपना और आर्थिक विकास कर सकेंगे। एसईसीएल के अधिकारी ने इस सुझाव को गंभीरता से लिया है।
दरअसल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव सपुरन कुलदीप ने सोमवार को एसईसीएल बलगी परियोजना प्रभावित गोद ग्राम डंगनियाखार बस्ती का दौरा किया। बस्तीवासियों ने खेतों में सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता बताते हुए मौके का मुआयना करवाया। श्री कुलदीप ने बताया कि बलगी परियोजना खदान अब सुरक्षा कारणों से बंद होने के कगार पर है। यहां के 3 व 4 नंबर खदान को पहले ही बंद कर दिया गया है और करीब दो-तीन सालों में ही बलगी की 1/2 नंबर खदान को बंद करने की योजना पर प्रबंधन काम कर रहा है। खदान संचालन के लिए मुख्य रूप से डंगनियाखार, बलगीखार और सुराकछार बस्ती की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। इन गांवों में अभी भी सैकड़ों एकड़ जमीन पर खेती-किसानी किया जाता है जो बरसात के पानी पर ही निर्भर है। खदानबंदी से क्षेत्र के ग्रामीणों को रोजगार के लिए भारी परेशानी उठानी पड़ सकती है, ऐसे में कृषि कार्य को बढ़ावा देकर इन्हें संकट से बचाया जा सकता है।
बलगी परियोजना के 3/4 नंबर खदान के बंद होने के बाद खदान के अंदर भरने वाले पानी को बाहर निकालना बंद कर दिया गया था जिससे सुराकछार बस्ती में निस्तार और जानवरों के लिए परेशानी को देखते हुए माकपा के पहल पर पुन: पानी को नाला में छोड़ने के लिए प्रबंधन द्वारा कार्यवाही की गई थी। डंगनियाखार बस्ती भ्रमण के दौरान पाया गया कि बलगी के 1/2 नंबर खदान से अभी निकलने वाली डिस्चार्ज वाटर को बिना किसी उपाय के छोड़ा जा रहा है।
यदि उसमें मात्र 50 मीटर पाइप लाइन बिछाकर पानी को एक छोटी डबरी में छोड़ा जाए तो इस बेकार पानी से लगभग 100 एकड़ खेत को सिंचित किया जा सकता है और दो फसली धान की पैदावार ले सकते हैं। फलदार वृक्षों की खेती भी किया जा सकता है जिससे यहां के किसानों की स्थाई आजीविका में मदद हो सकती है। श्री कुलदीप ने इस संबंध में उपक्षेत्रीय प्रबन्धक से भी चर्चा कर सुझाव दिया है। श्री कुलदीप के साथ जीवबोधन सिंह कंवर, भंवर सिंह, लाल सिंह, देवाकर सिंह, ठाकुरराम, हीरालाल, देवल सिंह, मंगलभवन, घनश्याम, मनप्रीत सिंह, रवि चन्द आदि भी शामिल थे।
सब एरिया मैनेजर ने दिखाई गंभीरता
इस मामले में माकपा सचिव ने सब एरिया मैनेजर दिव्य जीवन सी से मुलाकात की। उन्होंने इस सुझाव को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि मंगलवार को अपने सिविल इंजीनियर को मौके पर भेजेंगे। 50 मीटर पाईप लगा देने से खेतों को पानी मिलेगा और ग्रामीणोंं को भी लाभ होगा। उन्होंने आश्वासन दिया है कि किसानों का भला होने और खेती कार्य को बढ़ावा देने के लिए जरूर प्रयास किया जाएगा और ग्रामीणों के साथ एक बैठक कर उनकी समस्याओं को दूर भी किया जाएगा।


