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अंतागढ़ टेप कांड के आरोपी मंतूराम के साथी को कांग्रेस ने बनाया रायपुर का जिला महामंत्री

भारतीय जनता युवा मोर्चा की कार्यकारिणी के बाद अब कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी में विवाद शुरू हो गया है। जिला कार्यकारिणी को लेकर संगठन में असंतोष का माहौल बन गया है

अंतागढ़ टेप कांड के आरोपी मंतूराम के साथी को कांग्रेस ने बनाया रायपुर का जिला महामंत्री
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रायपुर। भारतीय जनता युवा मोर्चा की कार्यकारिणी के बाद अब कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी में विवाद शुरू हो गया है। जिला कार्यकारिणी को लेकर संगठन में असंतोष का माहौल बन गया है। अंतागढ़ कांड के आरोपी मंतूराम पवार के एक साथी को रायपुर जिला का महामंत्री बना दिया गया है। इसे लेकर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में असंतोष है। विधानसभा चुनाव के पहले अंतागढ़ कांड को लेकर मंतूराम पवार ने पत्रकार वार्ता ली थी। उनके साथ मंच पर मनोज राय भी थे। दोनों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ खुलकर बोला था। इसके बाद भी मनोज राय को रायपुर जिला कार्यकारिणी में महामंत्री का पद दे दिया गया है जबकि महामंत्री पद के लिए कई नेता और वरिष्ठ कार्यकर्ता दावेदार थे।

क्या है अंतागढ़ कांड

अंतागढ़ विधानसभा सीट पर 12 सितंबर 2014 को उपचुनाव हुआ था। उपचुनाव की घोषणा के बाद भाजपा कांग्रेस सहित अन्य 23 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। सभी ने नामांकन दाखिल किया लेकिन नामांकन दाखिल करने की आखिरी तिथि के बाद कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार ने चुनाव नहीं लडऩे की घोषणा कर दी। उस समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल थे।

टेपकांड में इनका नाम आया था सामने

इस प्रकरण के एक साल बाद 2015 में एक खरीद.फरोख्त का खुलासा करने वाला टेप सामने आया। इसके बाद से इस प्रकरण को अंतागढ़ टेप कांड के नाम से जाना जाता है। इस प्रकरण में रायपुर की पूर्व महापौर और महिला आयोग की अध्यक्ष तथा अधिवक्ता डाक्टर किरणमयी नायक ने प्रकरण दर्ज कराया था। डाक्टर नायक की शिकायत में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी उनके पुत्र और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी भाजपा नेता व पूर्व मंत्री राजेश मूणत मंतूराम पवार के अतिरिक्त पूर्व मुख्य तथा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डाक्टर रमन सिंह के दामाद डाक्टर पुनित गुप्ता का नाम शामिल था।

टेप की आवाज नहीं हो सका मिलान

कांग्रेस के सत्ता में आते ही इस प्रकरण की जांच के लिए विशेष जांच दल एसआईटी गठित की गई थी। पंडरी थाना में मामला दर्ज किया गया। डाक्टर किरणमयी नायक प्रार्थी हैं। टेप की आवाज का मिलान करने और जांच को आगे बढ़ाने के लिए एसआईटी ने अजीत जोगी, अमित जोगी, मंतूराम पवार तथा डाक्टर पुनित गुप्ता को नोटिस जारी करके वॉइस सैंपल मांगा, लेकिन इन सभी ने वॉइस सैंपल देने से मना कर दिया था। पवार ने नाम वापसी के बाद कहा था कि उन पर दबाव डाला गया था और यह डील 7.5 करोड़ में हुई थी।


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