भवन नक्शों से संबंधित एक दिन की संवादपूर्ण कार्यशाला सम्पन्न
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत नक्शों से संबंधित एक दिन की संवादपूर्ण कार्यशाला का आयोजन बुधवार को सिविक सेंटर में किया गया

नई दिल्ली। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत नक्शों से संबंधित एक दिन की संवादपूर्ण कार्यशाला का आयोजन बुधवार को सिविक सेंटर में किया गया। इसमें दिल्ली के तीनों नगर निगमों के अभियंताओं, निजी क्षेत्र में कार्यरत वास्तुकारों तथा भवन निर्माण से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस दौरान दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त डॉ पुनीत कुमार गोयल ने विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2018 के हवाले से कहा कि इस क्षेत्र में किये गये बड़े सुधारों के बावजूद वास्तुकारों से मिला फीड बैक अच्छा नहीं है। लिहाजा, निगम के अभियंताओं को उन्हें इस बारे में प्रशिक्षित करना होगा और उन्हें अधिक से अधिक जानकारी देनी होगी।
गोयल ने कहा कि भवन नक्शों की अनुमति के लिए हमारे विभाग और अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने वाली एजेंसियों से एक निश्चित अवधि तक एनओसी नहीं मिलने पर उसे अनापत्ति मान लिया जाता है। इस कार्यशाला की अध्यक्षता केन्द्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव डी.एस. मिश्रा ने की।
उन्होंने पारदर्शिता पर जोर देते हुए कहा कि बार-बार ऐसे संवादपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए, जिनमें 10 वास्तुकारों को प्रशिक्षित किया जाए और उन्हें तेजी से मंजूरी दिये जाने के लिए सुझावों पर सही तरीके से आगे बढ़ने को कहा जाना चाहिए। वहीं, औद्योगिक संवर्द्धन विभाग के अपर सचिव ने दिल्ली जल बोर्ड से पानी और सीवर के कनेक्शन देने की प्रक्रिया में परिवर्तन लाने को कहा।
ऐसा करने से इस परियोजना की लागत और कनेक्शन दिए जाने के समय में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि अब आगे भवन नक्शे के आवेदन के साथ कोई हार्ड कापी नहीं ली जाएगी और सारा काम ऑनलाइन होगा। दरअसल, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को लेकर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को अन्य निगमों के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है।


