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एक घटना से किसी को आदतन अपराधी घोषित नहीं किया जा सकता : उच्च न्यायालय

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि एक घटना के आधार पर किसी को भी आदतन अपराधी घोषित नहीं किया जा सकता है

एक घटना से किसी को आदतन अपराधी घोषित नहीं किया जा सकता : उच्च न्यायालय
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प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि एक घटना के आधार पर किसी को भी आदतन अपराधी घोषित नहीं किया जा सकता है।
अदालत ने मौजूदा मामले में याची के खिलाफ गो वध निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामले में आदतन अपराधी नहीं माना और उसके खिलाफ एडीएम भदोही द्वारा जारी नोटिस और विंध्याचल कमिश्नर द्वारा पारित आदेश को रद्द कर दिया।

यह आदेश न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा ने भदोही के गुड्डू चौहान की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

कोर्ट ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित परिभाषा और कानून के अनुसार किसी को तब तक आदतन अपराधी नहीं माना जा सकता जब तक कि अपराध की पुनरावृत्ति न हो और समाज के लिए हानिकारक न हो। मौजूदा मामले में भी यही है। याची के खिलाफ गो वध निवारण अधिनियम की धारा 3/5ए/8 के तहत मुकदमा भदोही के गोपीगंज थाने में दर्ज हुई थी। उसी प्राथमिकी के आधार पर दिनांक 22 जून 2022 को एडीएम वित्त एवं राजस्व भदोही ने गुंडा एक्ट के तहत
कार्रवाई के लिए नोटिस जारी कर दी। याची ने कमिश्नर विंध्याचल के समक्ष इस नोटिस के खिलाफ अपील की लेकिन उसे राहत नहीं मिली। उसने हाईकोर्ट में नोटिस को चुनौती दी।

याची के अधिवक्ता ने कहा कि उसे एक षडय़ंत्र के तहत फंसाया जा रहा है। पुलिस उसे जिला बदर करना चाहती है। इसलिए वह जानबूझकर ऐसा कर रही है जबकि, उसके खिलाफ केवल गोवध अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज है। वह न तो किसी गैंग का लीडर है और न ही किसी गैंग का सदस्य है। याची ने अपने समर्थन में सुप्रीम कोर्ट के कई केसों का हवाला दिया।

हालांकि, सरकारी अधिवक्ता ने विरोध किया और कहा कि नोटिस सही जारी की गई है। उसमें कोई गलती नहीं है। कोर्ट ने तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए याचिका को स्वीकार करते हुए विंध्याचल कमिश्नर के आदेश और एडीएम द्वारा जारी नोटिस को रद्द कर दिया।


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