डायरिया से एक की मौत, दो दर्जन से अधिक पीड़ित
डभरा विकासखण्ड के ग्राम बिनौधा में पिछले दो दिनों से डायरिया का प्रकोप जारी है
जांजगीर। डभरा विकासखण्ड के ग्राम बिनौधा में पिछले दो दिनों से डायरिया का प्रकोप जारी है।
जिसमें करीब दो दर्जन से अधिक लोग प्रभावित हुये है। गांव की ही 18 वर्षीय लड़की की मौत इस बीमारी से हो जाने की जानकारी मिली है।
इसकी सूचना पर आज सीएचसी डभरा से स्वास्थ्यकर्मियों की टीम गांव पहुंच अस्थायी कैम्प लगाया गया है, जहां सामान्य पीड़ितों का उपचार किया जा रहा है,वहीं अब तक 3 लोगों को डभरा रिफर किया गया है।
विकासखण्ड मुख्यालय डभरा से करीब 15 किमी दूर ग्राम बिनौधा गांव में कुछ दिन पूर्व मेला लगा था। जिसके बाद से ही लोगों में उल्टी दस्त की छूटपुट घटना सामने आई। इसी से पीड़ित 18 वर्षीय सुरूचि श्रीवास का ईलाज गांव के ही डॉक्टर से कराया जा रहा था, जिसकी तबीयत लगातार बिगड़ती गई और 19 की रात उसकी मृत्यु हो गई।
इस घटना के बाद से ही गांव में भय का माहौल बना हुआ है। वहीं पीड़ितों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है, उधर स्वास्थ्य अमला को डायरिया की शिकायत मिलने पर मेडिकल टीम गांव रवाना किया गया। जो अस्थायी कैम्प लगाकर पीड़ितों का उपचार कर रही है।
आज पीड़ितों का हाल जानने डभरा एसडीएम श्रीमती रीता यादव तथा जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी नितेश उपाध्याय गांव पहुंचे थे। जहां डॉक्टरों से चर्चा उपरांत पीड़ितों का हाल लिया गया। इस संबंध में डॉ.हेमंत साहू ने बताया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है लोगों को खानपान में सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है, वहीं पीड़ितों का उपचार किया जा रहा है।
अब तक कुल 3 मरीजों को सीएचसी डभरा भेजा गया है। वहीं 20 से अधिक लोगों का उपचार गांव में ही लगे अस्थायी शिविर से किया जा रहा है। आगे मितानिनों व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से डोर टू डोर सर्वे का काम भी किया जायेगा।
इनका चल रहा उपचार
बिनौधा में अस्थायी शिविर लगाकर करीब 26 डायरिया से ग्रसित लोगो का उपचार किया जा रहा है जिसमे रानी,सूरजपांडे ,दुजेराम, प्रकाश, वृंदावन, पुलकित, सूरज पांडे,सुनील पांडे, हेम्बाई, दामिनी, पुष्कर, जान्हवी, प्राची, गिरधारी, आनंदबाई, शांतिबाई, आरती, पुनेश्वर, कालेश्वर, उत्तरा बाई, लुकेश्वरी, सत्यभामा, पूनम दिलबोध डायरिया से ग्रसित मीले जिनमे से होम्बाई और रानी को गंभीर स्थिति को देखते हुए डभरा रिफर किया गया और दो मरीज गंभीर स्थिति के कारण रायगढ़ जा कर निजी अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे है।
डायरिया ने ले ली सुरूचि की जान
गांव में फैले डायरिया ने 18 वर्षीय सुरूचि श्रीवास को अपना शिकार बनाया। ग्रामीणों ने बताया कि सुरूचि का उपचार गांव में ही रहने वाले चिकित्सक द्वारा किया जा रहा था। जिसके शरीर में पानी की कमी हो गई थी। परिजन जानकारी के अभाव में बाहर ईलाज के लिए ले जा पाते तब तक उसकी स्थिति अत्यंत खराब हो चुकी थी और उसने दम तोड़ दिया।
डॉ. हेमंत साहू का कहना है कि सुरूचि को ओआरएस का पर्याप्त घोल दिया जाता तथा समय पर डॉक्टरी चिकित्सा मिली होती तो शायद स्थिति सुधर सकती थी।


