सेक्टरों की तर्ज पर होगा गांव का विकास खर्च होंगे 40 करोड़
सेक्टरों के साथ गांवों का विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक गांव के विकास के लिए पचास लाख रुपए खर्च किए जाएंगे

नोएडा। सेक्टरों के साथ गांवों का विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक गांव के विकास के लिए पचास लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। शहर में 81 गांव है। ऐसे में वित्तीय बजट में ग्रामीण विकास के लिए करीब 40 करोड़ 50 लाख रुपए का बजट का प्रावधान किया जा सकता है।
बोर्ड में सैद्धांतिक मंजूरी के बाद विकास कार्य शुरू कर दिए जाएंगे। गांवों में विकास के नाम पर क्या होना है। कितना काम अधूरा है। इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों से मांगी गई है। यह जानकारी सोमवार तक उपलब्ध करानी होगी। ताकि सेक्शन के हिसाब से बजट फाइनल कर विकासीय कार्यों को रफ्तार दी जा सके। नोएडा की स्थापना 17 अप्रैल 1976 को हुई थी।
यहा 81 गांवों की जमीन प्राधिकरण ने अधिग्रहीत की। जिस पर शहर को बसाया गया। किसानों का आरोप हमेशा से रहा कि कि यहा सेक्टरों का विकास तो किया गया। लेकिन जिन गांवों की जमीन पर सेक्टर बसाए गए उन गांवों की प्राधिकरण अनदेखी करता रहा। यही वजह है कि गांवों में नालियां, साफ-सफाई के अलावा बिजली आपूर्ति से लेकर सड़क व अन्य विकासीय कार्य हुए लेकिन इतने नहीं कि किसान अपने आप को संतुष्ट समझ सके। लिहाजा वित्तीय बजट 2018-19 में गांवों के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है।
बताते चले कि केंद्र व प्रदेश सरकार भी गांवों के विकास को तरजीह देता आ रहा है। ऐसे में प्राधिकरण प्रत्येक गांव के विकास के लिए 50 लाख रुपए खर्च करेगा। पैसा कहा और किन विकास कार्यों पर खर्च होगा। इसके लिए संबंधित अधिकारियों से पूर्ण ब्यौरा मांगा गया है।
ब्यौरे में संबंधित अधिकारी को वर्तमान में चल रहे विकास कार्यो के अलावा प्रस्तावित कार्यों का ब्यौरा देना है। इसके लिए बतौर एक खाका तैयार किया गया है। जिसमे कार्य का नाम अनुमानित लागत के अलावा निविदा की वर्तमान स्थिति के साथ ब्यौरा सोमवार तक देना होगा। सोमवार को चीफ इंजीनियर के अलावा आला अधिकारियों के समक्ष यह ब्यौरा रखा जाएगा। जिसके बाद गांव के विकास की रूप रेखा तैयार की जाएगी।


