दिल्ली हाट में बिहार उत्सव के अंतिम दिन उमड़ी भीड़
बिहार के 105वें स्थापना दिवस पर दिल्ली में आयोजित बिहार उत्सव-2017 के 15 दिवसीय हस्तशिल्प व हैंडलूम प्रदर्शनी के अंतिम दिन यहां हजारों की तादाद में दर्शक पहुंचे
नई दिल्ली। बिहार के 105वें स्थापना दिवस पर दिल्ली में आयोजित बिहार उत्सव-2017 के 15 दिवसीय हस्तशिल्प व हैंडलूम प्रदर्शनी के अंतिम दिन यहां हजारों की तादाद में दर्शक पहुंचे एवं बिहार के नायाब हस्तशिल्प, हैंडलूम, पेंटिंग व हस्त-निर्मित वस्तुओं की खरीदारी करते हुए बिहारी व्यंजनों का स्वाद चखा।
बिहार सरकार उद्योग विभाग की ओर से उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान पटना द्वारा आयोजित बिहार उत्सव में हस्तशिल्प व हथकरघा ब्रिकी सह प्रदर्शनी में लगे 50 स्टॉलों पर इन 15 दिनों में जमकर बिक्री हुई।
सबसे ज्यादा बिक्री हस्तशिल्प, बिहार सिल्क एवं बिहार हैंडलूम, मधुबनी पेंटिंग के स्टॉल पर हुई। इसके अलावा बिहार की कला-संस्कृति, लाह की चूड़ियों के स्टॉल पर दर्शकों की काफी भीड़ देखी गई। दर्शकों ने जमकर खरीदारी की।
एशिया भर में मशहूर मिथिला पेंटिंग/मधुबनी पेंटिंग की बिक्री भी चर्चा में रही। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शांति देवी द्वारा बनाई गई पेंटिंग को एक विदेशी पर्यटक ने डेढ़ लाख में खरीदा। शांति देवी ने बताया कि वह बचपन में आठ-नौ साल की उम्र से ही पेंटिंग करती हैं और घर-परिवार के लोगों के साथ-साथ अन्य लोगों को भी पेंटिंग की कला सिखाती हैं।
बिहार उत्सव में स्टोन आर्ट एवं मिथला पेंटिग की बिक्री भी काफी हुई। लोगों ने भागलपुरी सिल्क की साड़ियां, कुर्ती आदि की भी खरीदारी की। बिहार के व्यंजनों के स्टाल पर भी जमकर बिक्री देखी गई। लोगों ने बिहार के मशहूर लिट्टी-चोखा का जमकर लुत्फ उठाया ।


