Top
Begin typing your search above and press return to search.

दिवाली के दिन मायूस हैं बागपत के किसान

उत्तर प्रदेश के हर गली मोहल्ले में दिवाली की छटा चारों ओर बिखर रही है, लेकिन इस खुशी के अवसर पर बागपत के किसानों के चेहरे से मुस्कान गायब है क्योंकि मलकपुर चीनी मिल ने गन्ने का भुगतान नहीं किया

दिवाली के दिन मायूस हैं बागपत के किसान
X

बागपत। उत्तर प्रदेश के हर गली मोहल्ले में दिवाली की छटा चारों ओर बिखर रही है, लेकिन इस खुशी के अवसर पर बागपत के किसानों के चेहरे से मुस्कान गायब है क्योंकि मलकपुर चीनी मिल ने गन्ने का भुगतान नहीं किया।

प्रकाश पर्व दीपावली पर जहां हर तरफ उत्साह है, लेकिन राजधानी दिल्ली से सटे बागपत के अधिकांश किसानों में मायूसी छाई है।
बागपत जिले के अनेक गांवों के किसानों ने फैसला किया है कि वह इस बार दीपावली नहीं मनाएंगे।

इसके पीछे की वजह किसानों को अभी तक भी बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया गया है। किसानों का कहना है कि गन्ना भुगतान ही नहीं हुआ तो फिर दीपावली कैसे मनायेे।

बामनौली गांव में हुई एक पंचायत हुई किसानों ने दीपावली नहीं मनाने का एलान किया था। बागपत की मलकपुर चीनी मिल पर किसानों का 263 करोड़ रूपया बकाया है। इसके अलावा 13 करोड़ रूपये ब्याज बकाया है।

बामनौली निवासी किसान हेमंत कुमार का कहना है कि जब किसान के पास पैसा नहीं होगा तो वह दीपावली पर कैसे खरीदारी करेगा।

मलपुर चीनी मिल पर गन्ना डालने वाले चौभली निवासी किसान अशोक त्यागी का कहना है सारे साल मेहनत कर गन्ने की फसल तैयार कर चीनी मिल पर भेज दिया लेकिन पिछले दो सालों से बकाया गन्ना भुगतान नहीं होने से किसानों के सामने आर्थिक संकट है।

किसान दिवाली तो क्या बच्चों की फीस एवं रोजमर्रा के खर्चे के लिए पैसा जुटाना मुश्किल हो रहा है। खुशियों के इस त्यौहार पर भी गांव के किसान मायूस हैं।

इसी क्षेत्र के लॉयन-मलकपुर के किसान सतबीर सिंह का कहना है कि पैसा जेब में होता है तो चेहरे पर खुशी होती है लेकिन जब जेब खाली है तो कैसी दिवाली।

उन्होंने कहा कि किसानों का करोड़ों रूपया मलकपुर चीनी मिल दबाए बैठी है और बार-बार सरकार की चेतावनी पर भी वह बकाया भुगतान नहीं कर रही है।

किसान विपिन कुमार, राम सिंह आदि का कहना है कि मलकपुर चीनी मिल के रवैये की वजह से किसानों के माथे पर हमेशा बल पड़ा रहता है और ये कहानी खाली बामनौली गांव की ही नहीं है, बल्कि छपरौली और उसके आसपास के न जाने कितने गांवों की कहानी ऐसी ही है।

बकाया भुगतान नहीं होने से किसान काफी गुस्से में हैं। किसानों का कहना है कि अगर जल्द ही चीनी मिल ने बकाया भुगतान नहीं किया तो वे सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it