जनसुराज पदयात्रा के 66 वें दिन प्रशांत किशोर ने कहा, बिहार में मिलकर बनाओ और मिलकर चलाओ वाली सरकार चाहिए
जन सुराज पदयात्रा के 66 वें दिन चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कहा कि बिहार में 'मिलकर बनाओ और मिलकर चलाओ' वाली सरकार बननी चाहिए

मोतिहारी। जन सुराज पदयात्रा के 66 वें दिन चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कहा कि बिहार में 'मिलकर बनाओ और मिलकर चलाओ' वाली सरकार बननी चाहिए। उन्होंने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि बिहार के हर गांव के स्तर पर निर्णय होना चाहिए कि विधायक कौन होगा।
बिहार की राजनीति में अपनी पहचान बनाने में जुटे प्रशांत किशोर अबतक पदयात्रा के माध्यम से लगभग 700 किलोमीटर से अधिक पैदल चल चुके हैं। इसमें 550 किमी से अधिक पश्चिम चंपारण में पदयात्रा हुई और पूर्वी चंपारण में अबतक डेढ़ 150 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं।
किशोर ने पूर्वी चंपारण के खड़तरी पूर्व पंचायत के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के हर गांव के स्तर पर निर्णय होने चाहिए। अब तक कोई भी पार्टियां गांव में किसी एक भी व्यक्ति से यह पूछने नहीं आई कि विधायक कौन होगा? क्योंकि अन्य पार्टियों ने आपके पास कोई विकल्प ही नहीं छोड़ा है।
उन्होंने ग्रामीणों से साथ आने की अपील करते हुए कहा कि साथ दीजिए जिससे 'मिलकर बनाओ और मिलकर चलाओ' वाली सरकार बने। उन्होंने कहा कि इतिहास रहा है कि नेता व दल का झंडा लेकर घूमने से बिहार की स्थिति ना बदली है ना बदलेगी।
उन्होंने कहा कि बिहार में 100 में 60 प्रतिशत लोगों के पास अपनी खुद की जमीन नहीं है। उनकी किस्मत में मजदूरी करना ही लिखा है और वे मजदूरी कर रहे हैं। बिहार में जो खेती कर रहे हैं उनको सरकार के तरफ से यूरिया, पोटाश, बीज समय पर नहीं मिल रहा है। अगर किसी गांव में किसान अनाज उपजा भी रहे हैं तो उसकी कीमत बाजार में नहीं मिल रही है।
उन्होंने कहा कि जिन युवाओं को दुकान खोलना है उनके पास जमीन नहीं होने की वजह से ऋण नहीं मिल पा रहा है। यही कारण है कि बिहार के लोग दूसरे राज्यों में जाने के लिए मजबूर हैं। इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए बिहार के लोगों को एक साथ आना होगा तब जाकर हम बिहार को विकसित राज्य बना सकेंगे।


