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केन्द्र के अडंगे के बावजूद छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना शुरू : कांग्रेस

राज्य मंत्री मंडल द्वारा कर्मचारियो के लिये पेंशन योजना शुरू करने के निर्णय का कांग्रेस ने स्वागत किया है

केन्द्र के अडंगे के बावजूद छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना शुरू : कांग्रेस
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रायपुर। राज्य मंत्री मंडल द्वारा कर्मचारियो के लिये पेंशन योजना शुरू करने के निर्णय का कांग्रेस ने स्वागत किया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केन्द्र के अडंगे के बावजूद छत्तीसगढ़ में पेंशन योजना चालू हो रहा है। यह भूपेश है तो भरोसा है की धमक है।

केन्द्र के द्वारा पेंशन का पैसा देने से मना करने के बावजूद कर्मचारियों के लिये ओल्ड पेंशन स्कीम शुरू करना कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री की जनसरोकारो और अपने कमिटमेंट के पूरा करने की प्रतिबद्धता को दिखाता है।

मुख्यमंत्री ने जब कर्मचारियों के लिये पेंशन योजना को फिर से चालू करने की घोषणा किया था। उसी समय से भारतीय जनता पार्टी के छत्तीसगढ़ के नेता इस योजना का अप्रत्यक्ष रूप से विरोध करना शुरू कर दिया था। भाजपा की केन्द्र सरकार भी कर्मचारियों की पेंशन योजना राज्य शुरू नहीं पाये इसलिये 17240 करोड़ रू. जो राज्य के कर्मचारियों एन.पी.एम. का पैसा जमा है। उसको देने से मना कर दिया है ताकि राज्य सरकार पेंशन योजना धनाभाव में चालू नहीं कर सके।

श्री शुक्ला ने कहा कि राज्य में ओल्ड पेंशन योजना लागू करने पर केन्द्र द्वारा कर्मचारियों के भविष्य निधि का 17240 करोड़ रू. नहीं देने पर भाजपा नेताओं ने बयान दिया था। मुख्यमंत्री ने निर्णय लिया है वे लागू करें। मुख्यमंत्री केन्द्र के असहयोग के बावजूद पेंशन योजना लागू कर मोदी के चाटुकार भाजपा नेताओं को करारा जवाब दिया है।

मोदी सरकार के द्वारा पहली बार नही है जब राज्य सरकार में योजना में व्यवधान पैदा करने का काम किया गया है। इसके पहले 2500 रू. में धान खरीदने की घोषणा के बाद भी मोदी सरकार ने राज्य सरकार पर दबाव बनाया था कि धान पर समर्थन मूल्य के अलावा 1 रू. का भी अतिरिक्त भुगतान किया जायेगा तो छत्तीसगढ़ से सेन्ट्रल पुल का चावल केन्द्र सरकार नहीं लेगी।

तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों का वायदा पूरा करने के लिये राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू कर किसानों को प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी देने का निर्णय लिया और और राज्य में किसानों को 9000 से 10000 रू. तक प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी का भुगतान किया जाता है।

प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केंद्र सिर्फ कर्मचारियों के एनपीएस के 17,240 करोड़ ही नही राज्य के अन्य मदो के जीएसटी का, विभिन्न शेश का पैसा, कोयला रॉयल्टी क्षतिपूर्ति का पैसा, मनरेगा का पैसा जो 55,000 करोड़ से अधिक का है केंद्र राज्य को सिर्फ इसलिए नहीं दे रहा क्योंकि राज्य में कांग्रेस के सरकार है ताकि पैसे के अभाव में सरकार काम न कर पाए। केंद्र सरकार राज्य का उसके हक का पैसा दे दे तो राज्य को उसके जनहित के अनेकों काम सम्पादित हो जाये।


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