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अधिकारी जनहित को सामने रखकर कार्य करें :खट्टर

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि हरियाणा सिविल सेवा के नव चयनित अधिकारी जनहित को सामने रखकर काम करें क्योंकि उनसे शुद्धता की अपेक्षा की जाती है।

अधिकारी जनहित को सामने रखकर कार्य करें :खट्टर
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चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि हरियाणा सिविल सेवा के नव चयनित अधिकारी जनहित को सामने रखकर काम करें क्योंकि उनसे शुद्धता की अपेक्षा की जाती है।

श्री खट्टर आज गुरूग्र्राम के हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) में एससीएस अधिकारियों के संयुक्त फाउंडेशन कोर्स के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे । उन्होंने इन अधिकारियों को तीन आई अर्थात् इंटीग्रिटी, इन्वोल्वमेंट तथा इनोवेशन का मंत्र देते हुए कहा कि उनकी भर्ती ‘बिना पर्ची, बिना खर्ची’ से हुई है इसलिए उनसे शुद्धता की अपेक्षा की जाती है।

हिपा में एचसीएस के चयनित अधिकारियों का यह पहला ज्वाइंट फाउंडेशन कोर्स आयोजित किया गया था जिसमें 136 अधिकारी शामिल हैं। इनमें 45 एचसीएस एग्जीक्यूटिव, 7डीएसपी, 12 ईटीओ, 34 एईटीओ , 19 तहसीलदार, 4 एआरसीएस, 8 बीडीपीओ, 2 ट्रैफिक मैनेजर, 5 डीएफएसओ शामिल हैं। इनका यह कोर्स 27 जनवरी को शुरू हुआ था जिसका आज समापन हुआ।

मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षणार्थी अधिकारियों से कहा कि पहले भर्तियों में भ्रष्टाचार हुआ करता था लेकिन अब मैरिट के आधार पर ‘बिना पर्ची-बिना खर्ची’ आपकी भर्ती हुई है । आप इंटीग्रिटी अर्थात् सच्चे मन से जनता के लिए ईमानदारी से काम करें और टीम को साथ लेकर कार्य करें। टीम का अर्थ समझाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने कार्यालय के कार्यों की लिस्ट बनाकर टीम में बांट दें और जहां कमजोरी दिखाई देती हो वहां पर स्वयं लीड लें। इससे कार्यालय के कर्मचारियों में उनके प्रति विश्वास बढ़ेगा कि हमारा ऑफिसर हमारा ध्यान रखता है। तीसरा मंत्र इन्नोवेशन का देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नए नए विषय जैसे आईटी का प्रयोग आदि इन दिनों आ रहे हैं, उनका प्रयोग करते हुए जनता की बेहतर ढंग से सेवा करें।

उन्होंने कहा कि अधिकारी के तौर पर सेवा करते हुए उनके सामने कई प्रकार की परिस्थितियां आएंगी लेकिन उन परिस्थितियों में अपने आप पर कंट्रोल रखते हुए नियम और नीतियों के तहत काम करें। आप शुद्धता व स्वच्छ प्रशासन में आगेे बढ़े। जन आंकाक्षाओं को पूरा करने के लिए नियम और नीतियों का पालन करते हुए रास्ता निकालने की कोशिश करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कहीं नियम या कानून में सुधार अथवा संशोधन करके राहत पहुंचाई जा सकती है तो निडर होकर इसके बारे में अपने उच्च अधिकारियों को सुझाव भी दें। उन्होंने यह भी कहा कि आप सिस्टम में मजबूती के साथ जाएंगे तो कठिनाई नही आएगी, आप में दृढ़ संकल्प व इच्छा शक्ति होनी चाहिए।

उन्होंने स्वंय का उदाहरण देते हुए नवनियुक्त अधिकारियों को बताया कि नया करने वालों को लोग लंबे समय तक याद रखते हैं। उन्होंने बताया कि मेरे जीवन में भी आंकाक्षा थी , मन में संकल्प था कि जीवन में लोगों के लिए कुछ करना है और इसी आकांक्षा के कारण आज यहां तक पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि हर किसी को अपने टैलेंट से आगे बढऩे की आकांक्षा को तलाशते रहना चाहिए।

उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल के कथन की याद दिलाते हुए कहा कि सरदार पटेल ने एक बार कहा था कि भारतीय प्रशासनिक सेवा तथा राज्य सिविल सेवा सिस्टम का स्टील फ्रेम होता है, इसलिए जनहित को सामने रखकर चलोगेे तो आगे बढ़ोगे। वर्तमान राज्य सरकार का एजेंडा -पारदर्शिता , बिना भेदभाव काम करने तथा भ्रष्टाचारमुक्त शासन देने का है। इसका अर्थ समझाते हुए उन्होंने कहा कि पारदर्शिता का मतलब है हर काम जो करेंगे वो जनता को बताएंगे, बिना किसी भेदभाव के साथ काम करेंगे अर्थात् पूरे हरियाणा को एक इकाई मानकर काम करेंगे और भ्रष्टाचार को सहन नही करेंगे।

उन्होंने कहा कि जो डिजर्व नहीं करता उसको लाभ पहुंचाना भी भ्रष्टाचार है। अब तक जो आपकी परीक्षा हुई उससे बड़ी और असली परीक्षा अभी होनी है जिसमें आप कितना खरा उतरते हैं यह समय बताएगा।


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