मुख्यमंत्री कार्यालय में अधिकारियों का टोटा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय में प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के बाद अभी तक कोई प्रधान सचिव जहां नहीं है तो वहीं जो अधिकारी हैं उनमें से भी कई जाने की तैयारी में हैं

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय में प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के बाद अभी तक कोई प्रधान सचिव जहां नहीं है तो वहीं जो अधिकारी हैं उनमें से भी कई जाने की तैयारी में हैं।
बता दें कि अभी यहां भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी सुकेश जैन मुख्यमंत्री के ओएसडी हैं तो अन्य अधिकारियों में एडिश्नल सेकेट्री दीपक विरमानी (1993 दानिक्स), गीतिका शर्मा (1995 दानिक्स) व कुछ एडहॉक दानिक्स स्तर के अधिकारी हैं। इनमें गीतिका शर्मा का पहले ही तबादला हो चुका है और उनकी कभी भी रवानगी हो सकती है। लेकिन सबसे चौंकाने वाला रहस्य है कि यहां कोई अधिकारी अब काम करने को तैयार नही है।
सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री कार्यालय में काम करने के लिए करीबन एक दर्जन वरिष्ठ अधिकारियों ने काम करने से इनकार कर दिया है और इसके बाद संभावनाएं जताई जा रही हैं कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली से बाहर के अधिकारियों को अथवा अनुबंध पर निजी व्यक्तियों को नियुक्त कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय में इस समय अधिकारियों की भारी कमी है और नए अधिकारियों ने आप सरकार की कार्यशैली व आप से जुड़े अधिकारियों के हश्र को देखते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय में काम करने से इनकार कर दिया।
अधिकारियों को आशंका है कि आप सरकार के पूर्व में किए गए काम से सरकार सीबीआई की नजर में है और इससे सीधे-सीधे वे भी सीबीआई के रडार में आ सकते हैं। सीबीआई मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार और उपसचिव तरूण कुमार को पहले ही भ्रष्टाचार के मामलों में घेर चुकी है।
इन दोनों अधिकारियों को वर्ष 2016 में सीबीआई के मामले के बाद निलंबित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों की माने तो अब राजस्व अधिकारी सुकेश कुमार जैन भी अपने मूल कैडर में वापिस जाना चाहते हैं इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय में बाहरी राज्यों के अथवा अनुबंध के अधिकारियों के आने के आसार बढ़ गए हैं।


