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दिल्ली के हित में काम नहीं कर रहे एलजी के अंतर्गत काम करने वाले अफसर : सौरभ भारद्वाज

दिल्ली में कोचिंग हादसे में मरने वाले छात्रों को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी आमने-सामने आ गई हैं

दिल्ली के हित में काम नहीं कर रहे एलजी के अंतर्गत काम करने वाले अफसर : सौरभ भारद्वाज
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नई दिल्ली। दिल्ली में कोचिंग हादसे में मरने वाले छात्रों को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी आमने-सामने आ गई हैं। भाजपा लगातार आरोप लगा रही है कि दिल्ली सरकार ने अपना काम सही समय पर नहीं किया, जिसकी वजह से यह दुर्घटना हुई। दूसरी तरफ अब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के एलजी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए यह कहा है कि एलजी के अंतर्गत आने वाले अधिकारी अपना काम नहीं कर रहे हैं, जिसकी वजह से दिल्ली वालों को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं।

दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि दिल्ली के अंदर डी-सिल्टिंग का काम एमसीडी, एनडीएमसी, डीडीए, दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड और पीडब्ल्यूडी करती है। कुछ बड़े नालों की डी-सिल्टिंग बाढ़ नियंत्रण विभाग करता है। बारिश से पहले सरकार ने जलभराव की समस्या से निपटने के लिए मीटिंग बुलाई थी और उस बैठक में अधिकारियों का बर्ताव कैसा था, वह मेरे द्वारा जारी वीडियो में सभी ने देखा है।

उन्होंने कहा कि 13 फरवरी 2024 को ड्रेन और सीवर में डी-सिल्टिंग कराने और जलभराव की समस्या से निपटने के लिए मुख्य सचिव और तमाम विभागों के अधिकारियों और सचिवों की बैठक बुलाई गई, लेकिन मुख्य सचिव के साथ-साथ अन्य अधिकारी बैठक में आए ही नहीं। 13 फरवरी को बुलाई गई बैठक में कोई भी अधिकारी शामिल ही नहीं हुआ। अब कहा जा रहा है कि इस मामले की जांच की जाएगी, तो मेरे पास इन अधिकारियों के न होने के सभी प्रमाण हैं और मैं इन्हें देने के लिए तैयार हूं। यह बैठक ड्रेन मैनेजमेंट और जलभराव की समस्या से निपटने के लिए बुलाई गई थी और इसमें एक्जीक्यूटिव इंजीनियर लेवल का अधिकारी विभागों द्वारा भेजा गया। ये अधिकारी अपने विभागों में कोई फैसला तक नहीं ले सकते हैं।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 23 फरवरी को ही मैंने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा कि 13 फरवरी को बुलाई गई बैठक में किसी भी विभाग के सचिव मौजूद नहीं थे। मैंने इन सभी अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने को कहा। लेकिन, मेरे निर्देश के बाद भी मुख्य सचिव ने कोई एक्शन नहीं लिया। मैंने 15 दिन बाद मुख्य सचिव को डी-सिल्टिंग को लेकर सभी विभागों के स्टेटस जानने के लिए पत्र लिखा। मैंने इसी जानकारी के लिए पहले भी पत्र लिखा था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। मुख्य सचिव ने इस पत्र का भी कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद 5 जून को मुख्य सचिव नरेश कुमार ने एक बेहद ही घटिया और बदतमीजी भरा एक पत्र मुझे भेजा। अगर ऐसा पत्र किसी अन्य राज्य में कोई अधिकारी मंत्री को लिख दे तो उसे सस्पेंड कर दिया जाए।

उन्होंने बताया कि इस पत्र में मुख्य सचिव लिखते हैं कि दिल्ली हाईकोर्ट मानसून की तैयारियों को देख रहा है और अब वह किसी और के लिए जवाबदेह हैं। हमने हाईकोर्ट को सब बता दिया है तो किसी और को कुछ नहीं बताएंगे। मैं माननीय हाईकोर्ट से कहता हूं कि अब इन्हीं मुख्य सचिव के ऊपर कोर्ट को गुमराह करने के लिए मामला दर्ज करना चाहिए। इन्होंने कोर्ट में झूठी और फर्जी रिपोर्ट दाखिल की है। इन्हीं नरेश कुमार को केंद्र सरकार दो बार सेवा विस्तार दे चुकी है, क्योंकि दिल्ली को बर्बाद करने के लिए इनसे बढ़िया अधिकारी और कोई मिल ही नहीं रहा है।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा कि आपके द्वारा नियुक्त मुख्य सचिव डी-सिल्टिंग के बारे में जानकारी नहीं दे रहे हैं और बता रहे हैं कि अभी आचार सहिंता लगी है। मुख्य सचिव अपना सभी काम छोड़कर सिर्फ बदतमीजी भरे पत्र लिखने तथा भ्रष्टाचार और भ्रष्ट अधिकारियों को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। मैं बीजेपी को चुनौती देता हूं कि उसके द्वारा शासित राज्यों का कोई एक मंत्री ऐसा नहीं होगा, जिसने डी-सिल्टिंग को लेकर इतना पत्राचार किया हो और अधिकारियों के भ्रष्टाचार को उजागर किया हो।


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