Top
Begin typing your search above and press return to search.

ओडिशा के सीएम ने अधिकारियों से कहा- बाढ़, चक्रवात से निपटने के लिए तैयार रहें

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को अधिकारियों को मानसून के मौसम के दौरान संभावित बाढ़ और चक्रवात से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है

ओडिशा के सीएम ने अधिकारियों से कहा- बाढ़, चक्रवात से निपटने के लिए तैयार रहें
X

भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को अधिकारियों को मानसून के मौसम के दौरान संभावित बाढ़ और चक्रवात से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। पूरे राज्य में मानसून की दस्तक के एक दिन बाद, पटनायक ने किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों और जिलों की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए राज्य स्तरीय प्राकृतिक आपदा समिति की बैठक की अध्यक्षता की।

सीएम पटनायक ने कहा कि ओडिशा में कई और बार-बार आने वाली आपदाओं, विशेषकर बाढ़ और चक्रवात का खतरा बना रहता है। पिछले साल 24 जिले बाढ़ और भारी बारिश से प्रभावित हुए थे। हालांकि, राज्य ने सफलतापूर्वक इसका सामना किया।

सीएम ने कहा कि आपदाओं की तैयारी और प्रबंधन के लिए ओडिशा को केंद्र द्वारा 2023 के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पटनायक ने अधिकारियों से कहा कि जून से अक्टूबर तक का समय हमारे लिए महत्वपूर्ण होता है, इस दौरान सूखा, बाढ़ या चक्रवात आ सकते हैं। इसलिए, हमें संभावित बाढ़ और चक्रवात से निपटने के लिए हर स्तर पर अपनी तैयारियों की समीक्षा करनी होगी। साथ ही हमें किसी अन्य प्रकार की आपात स्थिति के लिए भी तैयार रहना चाहिए।

उन्होंने अधिकारियों को शुरुआत में ही बचाव एवं राहत कार्यो, पीने के पानी की आपूर्ति और स्वास्थ्य व पशु चिकित्सा सेवाओं के संबंध में पर्याप्त उपाय करने का निर्देश दिया। ओडिशा आपदा रैपिड एक्शन फोर्स (ओडीआरएएफ) इकाइयों और अग्निशमन सेवाओं को किसी भी समय किसी भी स्थान पर तत्काल प्रतिक्रिया के लिए अलर्ट पर रखा गया है।

जिलों और विभागों में नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे खुले रहेंगे। वास्तविक समय के मौसम और आपदा से संबंधित अपडेट प्रसारित करने के लिए सर्तक वेब और मोबाइल एप विकसित किया गया है।

खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण विभाग को पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री का स्टोरेज करने को कहा गया है। मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास विभाग कमजोर और दुर्गम क्षेत्रों में पर्याप्त पशु चारा का स्टोरेज करेगा। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान हरे चारे की व्यवस्था और पशु शिविर खोलने की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।

कलेक्टरों को बचाव और राहत कार्यों के दौरान गर्भवती महिलाओं, शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग, छोटे बच्चों, विधवाओं और बुजुर्गो जैसे कमजोर लोगों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया।

उन्होंने कहा कि आपदाओं के बाद राहत लाइनों की तत्काल मंजूरी, जीवन रेखा बुनियादी ढांचे की मरम्मत और बहाली तथा आजीविका की बहाली होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने बालासोर के बहनागा में हुए दुखद रेल हादसे को भी याद किया, जिसमें लगभग 290 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों घायल हो गए थे।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it