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फिल्मसिटी बनाने की बाधाएं दूर, अगस्त में पूरी होगी प्रोजेक्ट से जुड़ी औपचारिकताएं

जेवर एयरपोर्ट के साथ-साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक और ड्रीम प्रोजेक्ट 'फिल्म सिटी' है

फिल्मसिटी बनाने की बाधाएं दूर, अगस्त में पूरी होगी प्रोजेक्ट से जुड़ी औपचारिकताएं
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ग्रेटर नोएडा। जेवर एयरपोर्ट के साथ-साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक और ड्रीम प्रोजेक्ट 'फिल्म सिटी' है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए यमुना अथॉरिटी को बुधवार को लखनऊ में एक मीटिंग कर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं।

इस प्रोजेक्ट से जुड़ी सभी बाधाओं को मुख्यमंत्री ने खत्म करते हुए इसे जल्द से जल्द योजना में लाने के निर्देश दिए हैं। इस योजना में 3 बड़े बदलाव किए गए हैं, जिसके बाद निवेशकों को इस योजना में निवेश करने और इसे बनाने में काफी आसानी होगी।

फिल्म सिटी प्रोजेक्ट के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश की भी कई बड़ी कंपनियां अपना प्रस्ताव अथॉरिटी को भेज चुकी हैं। सबसे पहला बदलाव करते हुए फिल्म सिटी निर्माण को तीन चरण में करने की बात कही गई है।

पहले चरण में फिल्म सिटी का 230 एकड़ में निर्माण होगा। इसमें से 156 एकड़ में स्टूडियोज बनेंगे और 21 एकड़ में फिल्म इंस्टीट्यूट का निर्माण किया जाएगा। बाकी, 74 एकड़ में कमर्शियल एक्टिविटी और रेजिडेंशियल स्कीम रखी जाएगी।

यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह ने बताया कि यह योजना 1,000 करोड़ की लागत से बनने वाली है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी बैठक कर प्रस्ताव पारित करेगी और इसके लिए अगस्त में ग्लोबल बिडिंग की जाएगी।

इसका दूसरा चरण 385 एकड़ का होगा और उसके बाद तीसरे चरण की शुरुआत होगी। दूसरे बड़े बदलाव के चलते उस क्लॉज को खत्म कर दिया गया है, जिसमें पहले ग्लोबल बिडिंग में सफल होने वाली कंपनी को 116 करोड़ के प्रीमियम देने का प्रस्ताव रखा गया था। इसके बाद रेवेन्यू शेयरिंग में बिड लगनी थी। सबसे ज्यादा बोली लगाने वाली कंपनी को प्रोजेक्ट दिया जाता। लेकिन, फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था और कहा था कि इस मंदी के दौर में बैंक लोन देने में काफी दिक्कत कर रहा है। अब अथॉरिटी ने इस क्लॉज को पूरी तरीके से हटा दिया है।

प्रोजेक्ट में तीसरा सबसे बड़ा बदलाव लाइसेंस और मोरटोरियम पीरियड को लेकर किया गया है। जिसके मुताबिक पहले फिल्म सिटी का लाइसेंस 60 सालों के लिए दिया जा रहा था, जिसे बढ़ाकर 90 सालों के लिए कर दिया गया है। मोरटोरियम पीरियड को भी 4 की जगह अब 7 साल कर दिया गया है। जिसका मतलब है कि जो कंपनी इसका निर्माण कराएगी उसे 7 सालों तक कुछ नहीं देना होगा। उसके बाद ही रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल पर भुगतान करना होगा।

इन सभी बदलाव के बाद उम्मीद की जा रही है कि अगस्त महीने तक ग्लोबल बिडिंग निकाली जा सकती है और देश-विदेश की कई कंपनियां इसमें हिस्सा ले सकती हैं। एक बार मीटिंग होने के बाद फिल्म सिटी निर्माण का कार्य शुरू हो सकता है।


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