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ओबीसी उप-वर्गीकरण आयोग का कार्यकाल बढ़ा

केंद्रीय मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) ने बुधवार को केंद्रीय सूची में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच के लिए गठित आयोग का कार्यकाल और छह महीने बढ़ाने को मंजूरी दी

ओबीसी उप-वर्गीकरण आयोग का कार्यकाल बढ़ा
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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) ने बुधवार को केंद्रीय सूची में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच के लिए गठित आयोग का कार्यकाल और छह महीने बढ़ाने को मंजूरी दी। आयोग का कार्यकाल अब 31 जुलाई 2020 तक रहेगा। यह आयोग को दिया गया आठवां विस्तार है, जिसका कार्यकाल 31 जनवरी, 2020 को समाप्त हो जाएगा।

आयोग को ओबीसी की केंद्रीय सूची में विभिन्न प्रविष्टियों का अध्ययन करने और किसी भी पुनरावृत्ति, अस्पष्टता, विसंगतियों, वर्तनी या प्रतिलेखन की त्रुटियों के सुधार की सिफारिश करने के लिए भी मंजूरी दी गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी घोषणा की।

जावड़ेकर ने कहा कि मौजूदा ओबीसी सूची में शामिल समुदायों को केंद्र सरकार के पदों पर नियुक्ति के लिए ओबीसी आरक्षण का बड़ा लाभ नहीं मिल पा रहा है और आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में भी फायदा होगा।

उन्होंने कहा, "आयोग की ओर से ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल ऐसे हाशिये के समुदायों के लाभ के लिए सिफारिशें करने की संभावना है। इसमें शामिल खर्च आयोग की स्थापना और प्रशासन की लागत से संबंधित है, जो सामाजिक न्याय विभाग द्वारा वहन किया जाएगा।"

2 अक्टूबर, 2017 को राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद संविधान के अनुच्छेद-340 के तहत इस आयोग का गठन किया गया था। न्यायमूर्ति जी. रोहिणी (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाले आयोग ने अक्टूबर, 2017 में कामकाज शुरू किया था।


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