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पिछड़ा वर्ग कोटे से आवास, सरपंची करने बन गई आदिवासी!

जांजगीर ! संविधान में वैसे तो आरक्षित वर्ग को उनके कोटे का लाभ लेने का अधिकार है।

पिछड़ा वर्ग कोटे से आवास, सरपंची करने बन गई आदिवासी!
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नवागढ़ ब्लॉक की ग्राम पंचायत अवरीद में आया आरक्षण लाभ का अनोखा मामला

जांजगीर ! संविधान में वैसे तो आरक्षित वर्ग को उनके कोटे का लाभ लेने का अधिकार है। लेकिन नवागढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत अवरीद में आरक्षित वर्ग की एक महिला द्वारा दोहरे लाभ लिये जाने का मामला सुर्खियों मे आया है। यहां पहले जहां खुद को पिछड़ा वर्ग बताकर इंदिरा आवास प्राप्त किया तो वहीं गांव की सरपंची करने वह आरक्षित सीट के अनुरूप आदिवासी बन गई। इतना ही नहीं उसे चुनाव में जीत हासिल हुई और वह पिछले 2 वर्ष से अधिक समय से पंचायत भी चला रही है। अब जब यह मामला उजागर हुआ तो शिकवा-शिकायतों का दौर शुरू हो गया है।
जिला मुख्यालय जांजगीर से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत अवरीद में सरपंच कमलादेवी बिंझवार की जाति को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। दरअसल ग्राम पंचायत अवरीद में सरपंच का पद आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित था, जहां वर्तमान में कमलाबाई बिंझवार सरपंच है। ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायत के अनुसार मूलत: बिंझवार जाति की कमला बाई ने गांव के ही रामनाथ यादव पिछड़ा वर्ग से शादी की है। इसके बाद उसके राशन कार्ड में पिछड़ा वर्ग दर्ज किया गया। इतना ही नहीं पिछले पंचवर्षीय में जब गरीबों के लिए इंदिरा आवास का आबंटन हुआ तो कमला बाई को पिछड़ा वर्ग के कोटे से इसका लाभ देते हुए इंदिरा आवास की स्वीकृति मिली, जबकि वर्ष 2015 में ग्राम पंचायत अवरीद में सरपंच का पद आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हुआ तो सरपंच बनने उसने खुद को आदिवासी वर्ग में दर्शाया और इस वर्ग से चुनाव लडक़र वह गांव की सरपंच भी बनी। ऐसे में एक बार आवास पाने के लिए जहां ओबीसी वर्ग का सहारा लिया गया तो दूसरी बार सरपंची करने के लिए आदिवासी वर्ग का। इसको लेकर शिकायतें हो रही है। इस संबंध में महिला सरपंच से सम्पर्क कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की गयी मगर सम्पर्क नहीं बन पाने से उनका पक्ष सामने नहीं आया है। बहरहाल अब तक जो दस्तावेज प्राप्त हुए है उसके अनुसार एक व्यक्ति द्वारा 2 अलग-अलग जातियों को दर्शा शासकीय योजना का लाभ लेने का प्रतीत होता है। ऐेसे में ग्रामीणों की शिकायत के बाद जांच अधिकारी किस निष्कर्ष पर पहुंचते है यह देखना होगा।
सूचना के अधिकार से मिली जानकारी
अवरीद सरपंच द्वारा जाति का दोहरा लाभ लेने के पूरे मामले का खुलासा सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के आधार पर हुई है। ग्रामीणों ने पहले उसकी जाति को लेकर आपत्ति की थी, लेकिन तब अधिकारियों ने जाति को जन्म से होना मानकर उसे आदिवासी वर्ग का माना और सरपंच के लिए उसका फार्म स्वीकार हुआ। इसके बाद लोगों ने राशन कार्ड और इंदिरा आवास की जानकारी ली तो पता चला कि उसने आवास के लिए पति की जाति का फायदा उठाते हुए पिछड़ा वर्ग कोटे का लाभ लिया है।
मामले की जानकारी
ली जाएगी-एसडीएम

इस संंबंध में जांजगीर के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अजय उरांव का कहना है कि आरक्षण का लाभ एक ही जाति से लेना है। कोई व्यक्ति अलग.अलग जाति बताकर दोहरा लाभ लेता है तो यह गलत है। ऐसा कोई मामला है तो इसकी जानकारी ली जाएगी और नियमानुसार कार्रवाई भी होगी।


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