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नर्सरी उत्पादन रोजगार सृजन का एक अच्छा माध्यम

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ के माननीय कुलपति डॉ के के सिंह के कुशल निर्देशन में उद्यान महाविद्यालय द्वारा फलों की नर्सरी उत्पादन एवं उसके प्रबंधन पर पांच दिवसीय कौशल विकास पाठशाला का आयोजन 5-9 मई 2025 तक किया गया

नर्सरी उत्पादन रोजगार सृजन का एक अच्छा माध्यम
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मेरठ। सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ के माननीय कुलपति डॉ के के सिंह के कुशल निर्देशन में उद्यान महाविद्यालय द्वारा फलों की नर्सरी उत्पादन एवं उसके प्रबंधन पर पांच दिवसीय कौशल विकास पाठशाला का आयोजन 5-9 मई 2025 तक किया गया।

पाठशाला के समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ आर एस सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवा योजना ने बताया कि ज्ञान ही विज्ञान की जननी है जिस हेतु किताबी ज्ञान के साथ-साथ प्रायोगिक कक्षाओं पर जोर देना चाहिए। उन्होंने बताया कि आज के समय में नर्सरी उत्पादन एक प्रमुख व्यवसाय बनता जा रहा है जो युवाओं के लिए रोजगार सृजन का एक अटूट साधन बन रहा है, जिस हेतु फल विज्ञान विभाग द्वारा समय-समय पर इस तरह के तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम युवाओं को नर्सरी उत्पादन एवं प्रबंधन में कुशल एवं समृद्ध बनाएगी।


प्रशिक्षण का उघ्द्घाटन डॉ मुकेश कुमार, विभागाध्यक्ष पुष्प विज्ञान एवं भू-दृश्य विभाग द्वारा किया गया। उन्होंने स्वस्थ भविष्य के लिए स्वस्थ एवं गुणवत्तापूर्ण नर्सरी उत्पादन पर जोर दिया साथ ही बताया कि विभिन्न उद्यानिकी पौधों की नर्सरी तैयार कर हम अपनी आय को दोगुनी कर सकते हैं।

डॉ सत्य प्रकाश, विभागाध्यक्ष, सब्जी विज्ञान विभाग ने सरकार द्वारा नर्सरियों को दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं हेतु नर्सरी पंजीकरण अधिनियम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नर्सरी के कुशल कार्यान्वयन हेतु नर्सरियों को नर्सरी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत कराना अनिवार्य है। उक्त पहलुओं को ध्यान में रखते हुए पांच दिवसीय कौशल विकास पाठशाला का सफल आयोजन किया गया।

पाठशाला में कुछ 36 परीक्षार्थियों ने पंजीकरण कराया तथा विभिन्न विषय विशेषज्ञ द्वारा 15 व्याख्यान करवाए गए। परीक्षार्थियों को व्याख्यान के अलावा व्यावसायिक नर्सरी एवं टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला का भ्रमण भी कराया गया। पाठशाला के अध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार, विभागाध्यक्ष, फल विज्ञान विभाग, ने पांच दिवसीय कार्यक्रम के दौरान हुए विभिन्न कार्यशैलियों के बारे में बताया तथा पाठशाला निदेशक डॉ एस के त्रिपाठी, प्राध्यापक, उद्यान विज्ञान ने पाठशाला के दौरान तकनीकी व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन डॉ हरिओम कटियार, सह-प्राध्यापक, उद्यान विज्ञान एवं डॉ गोविन्द विश्वकर्मा ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ विपिन कुमार, प्राध्यापक, उद्यान विज्ञान ने की।


इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक डॉ मनोज कुमार, प्राध्यापक, उद्यान विज्ञान एवं नवनियुक्त सहायक प्राध्यापक डॉ अभिषेक सिंह, डॉ रवि शंकर, डॉ दामिनी मैठाणी, डॉ अखिलेश पांडे डॉ अनिल कुमार संखवार, डॉ संदीप कुमार एवं अन्य सहयोगिगण मौजूद रहे।


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