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शासकीय स्कूलों में घट रही विद्यार्थियों की संख्या

 शिक्षा में गुणवत्ता अभियान के अंतर्गत डाइट पेण्ड्रा में बिलासपुर जिले एवं मुंगेली जिले के सभी विकासखण्ड एवं बीआरसीसी तथा सीएसी की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया

शासकीय स्कूलों में घट रही विद्यार्थियों की संख्या
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पेण्ड्रा। शिक्षा में गुणवत्ता अभियान के अंतर्गत डाइट पेण्ड्रा में बिलासपुर जिले एवं मुंगेली जिले के सभी विकासखण्ड एवं बीआरसीसी तथा सीएसी की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अरूणा गणेश जायसवाल ने की।

कार्यक्रम का शुभारंभ विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी पेण्ड्रा, मस्तूरी, लोरमी, पथरिया, मंगेली, गौरेला के द्वारा किया गया। डाइट की छात्राओं के द्वारा सरस्वती वंदना किया गया। सभी आगुन्तको का स्वागत इस संस्थान के प्राचार्य जेपी पुष्प द्वारा किया गया। डाइट के समस्त अकादिम सदस्यों द्वारा सभी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी एवं विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयकों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही श्रीमती अरूणा गणेश जायसवाल के द्वारा बहुत ही अच्छा मोटिवेशन व्याख्यान दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रायवेट विद्यालय के बच्चे कुछ भी प्रश्न करे तो उसका जवाब तुरंत देते है किंतु शासकीय विद्यालय के छात्र कुछ भी जवाब नहीं दे पाते। अर्थात शासकीय विद्यालयों में अच्छे पढ़े, योग्य शिक्षक एवं प्रशिक्षित शिक्षक अध्यापन कराते है जबकि निजी विद्यालय में थोड़े वेतन प्राप्त करने वाले शिक्षक अच्छा अध्यापन कार्य कराते है यह चिंता की बात है।

संस्थान के प्राचार्य जेपी पुष्य ने अपनी चिंता जाहिर की कि विद्यालय से बच्चों की संख्या गायब हो रही है जिसके कारण युक्तियुक्तकरण शिक्षकों का किया जा रहा है। यह एक गंभीर प्रश्न है अर्थात शासकीय विद्यालयों के शिक्षक पूर्ण मनोयोग से अध्यापकीय कार्य नही कर रहे है। प्रशिक्षण संस्थान में होने वाले प्रशिक्षण की बातें लर्निंग आउट क्रम के रूप में विद्यालयों तथा बच्चों तक जानी चाहिये।

पेण्ड्रा के बीईओ आरएस परस्ते एवं एबीईओ भूपेंद्र कौशिक ने अपने विकासखण्ड की प्रस्तुत प्वाइंट के माध्यम से की। अपने विकासखण्ड में चल रहे नवाचारों को भी पिक्चर के माध्यम से बहुत अच्छी प्रस्तुती दी। मस्तूरी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सुधीर सराफ ने धनिया संकुल के विद्यालयों की जानकारी दी कि यहां के 300 बच्चों द्वारा 30 से उपर तक पहाड़ा मौखिक आता हैं मैने स्वयं सुना और देखा है। अपने विकासखण्ड के एक शिक्षक का जिक्र किया कि उन्होंने अपने स्वयं के 3 से 4 लाख रूपये खर्च करके विद्यालय का रखरखाव एवं बच्चों के हित में किया है। एक और शिक्षक जो कि मुख्य मैत्री गौरव योजना के अंतर्गत पांच हजार रूपये का इनाम मिला था उसका उन्होंने विद्यालय का मुख्य गेट एवं विद्यालय का नाम बनवाकर खर्च किया।

बच्चों की सीखने की गति बहुत ही धीमी होती है, शिक्षकों को उनके स्तर के अनुसार ही पढ़ाना चाहिये। गणित प्रकोष्ठ के प्रभारी केपी राव, विज्ञान प्रकोष्ठ के प्रभारी श्रीमती एम.चक्रवर्ती, योग प्रभारी एपी मिश्रा, अंग्रेजी के मास्टर टे्रनर भूपेंद्र शर्मा अपने-अपने प्रकोष्ठ में हुए प्रशिक्षणों के लर्निंग आउट क्रम के उद्देश्य, लक्ष्य एवं महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन केएन पाण्डेय के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम के प्रभारी आरके षर्मा थे। उन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु अहम भूमिका निभाई। अंत में सभी बीआरसीसी ने अपने-अपने विकासखण्ड में हुए नवाचारों की प्रस्तुति दी तथा अंत में प्राचार्य जेपी पुश्य ने सभी आगंतुको के आभार प्रदर्शन कर धन्यवाद ज्ञापित किया जिन्होंने अपना बहुमूल्य समय देकर इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया। शिक्षक मन लगाकर अध्यापन कार्य करें तो गुणवत्ता अवश्य आयेगी।


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