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भारत में स्टार्टअप की संख्या लगभग 300 से 400 से बढ़कर 70,000 हो गई : केंद्र

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में एक नई कार्य संस्कृति की शुरूआत की है

भारत में स्टार्टअप की संख्या लगभग 300 से 400 से बढ़कर 70,000 हो गई : केंद्र
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में एक नई कार्य संस्कृति की शुरूआत की है, जिसमें प्रत्येक गरीब और जन कल्याणकारी योजनाओं को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वो जाति, पंथ, धर्म या वोट के नफा-नुकसान से परे सबसे जरूरतमंद या कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति तक पहुंच सके। रविवार को केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि समकालीन भारत के उभरते परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने स्टार्टअप्स को लगातार बढ़ावा दिया है। जितेंद्र सिंह ने कहा कि 8 साल की छोटी सी अवधि में केंद्र कई योजनाओं को करीब 100 फीसदी तक पूरा करने में सफल रहा है

डॉ. जितेंद्र सिंह ने दोहराया कि साल 2015 में लाल किले की प्राचीर से 'स्टार्टअप इंडिया स्टैंडअप इंडिया' के लिए प्रधानमंत्री के आह्वान के साथ शुरू हुए उनके प्रोत्साहन के कारण भारत में स्टार्टअप की संख्या लगभग 300 से 400 से बढ़कर 70,000 हो गई है।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत में नई कार्य संस्कृति की शुरूआत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हमेशा श्रेय दिया जाएगा, जिसमें प्रत्येक गरीब और जन कल्याणकारी योजनाओं को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वो जाति, पंथ, धर्म या वोट के नफा-नुकसान पर विचार किए बिना सबसे जरूरतमंद या कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि, इसी तरह, समकालीन भारत के उभरते परि²श्य को देखते हुए मोदी ने स्टार्टअप्स को लगातार बढ़ावा दिया है, जिन्हें अपनी आजीविका कमाने में सक्षम होना चाहिए।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जहां पहले जरूरतें पूरी नहीं हुई वहां की जरूरतें पूरी करने के लिए और जहां अतीत में न्याय नहीं किया गया वहां न्याय दिलाने के लिए शुद्ध रूप से निष्पक्ष मापदंडों का पालन किया गया। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस और उसकी सहयोगी सरकारों द्वारा अपनाए गए पिछले कार्य व्यवहार से काफी हटकर है जिसमें वोट बैंक की राजनीति के चलते राज्य से मिलने वाले लाभों को चयनित लोगों तक ही पहुंचाया जाना तय कर दिया जाता था।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि गरीब कल्याण अन्न योजना, जन धन, उज्‍जवला,शौचालय, पीएम आवास,हर घर जल, हर घर बिजली और आयुष्मान जैसी परिवर्तनकारी योजनाओं के कारण देश की जनता ने केंद्र और अधिकांश राज्यों दोनों मेंबार-बार मोदी सरकार पर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि पहले जब देश में तुष्टिकरण की नीति चलती थी, उसके विपरीत अब लोगों को बिना किसी भेदभाव के कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

उत्तर-पूर्वी क्षेत्र का उदाहरण देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2014 से पहले इस क्षेत्र को केंद्र सरकारों की अदूरदर्शी नीतियों के कारण लगातार आर्थिक रूप से नुकसान होता रहा। 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने कहा था कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र को देश के अधिक विकसित क्षेत्रों के बराबर लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में न केवल विकासात्मक कमियों को सफलतापूर्वक पाट दिया गया है, बल्कि उत्तरपूर्वी क्षेत्र को भी मनोवैज्ञानिक भरोसा हासिल हुआ है। उन्होंने कहा कि सड़क, रेल और हवाई संपर्क के मामले में महत्वपूर्ण विकास न केवल पूरे क्षेत्र में बल्कि पूरे देश में माल और लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में मदद कर रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने मिजोरम का उदाहरण भी दिया कि यह राज्य हमेशा से भाजपा का विरोध करता रहा है, लेकिन मोदी सरकार ने बिना किसी भेदभाव के मिजोरम में इजराइली तकनीक की मदद से साइट्रस फ्रूट 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' की स्थापना में मदद की। उन्होंने बताया कि यह साइट्रस फ्रूट सेंटर भारत में अपनी तरह के एक अनूठे संस्थान के रूप में उभरा है, जो मिजोरम में स्थित होने के बावजूद पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र और असल में पूरे देश की जरूरतों को पूरा करता है।


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